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यूपी के सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में स्थापित होंगे स्मार्ट क्लास, मिली यह अनुमति - स्मार्ट क्लास बनाने की मंजूरी

Intro:- पॉलिटेक्निक संस्थानों को ट्रेड वाइज अपने यहाँ पर स्मार्ट क्लास रूम बनना होगा- प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा एम देवराज ने सभी राजकीय पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य को दिया निर्देश

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2023, 3:09 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के सभी डेढ़ सौ राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लास बनाने की मंजूरी शासन ने प्रदान की है. इस संबंध में प्राविधिक शिक्षा परिषद (प्राशिप) के प्रमुख सचिव एम देवराज ने परिषद के अधिकारियों को निर्देश जारी दिए हैं. प्रमुख सचिव की ओर से जारी किए गए निर्देश के अनुसार, सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में काम से कम एक स्मार्ट क्लास बनाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा जिन राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में पहले से स्मार्ट क्लासरूम बने हैं वह अतिरिक्त स्मार्ट क्लासरूम भी बना सकते हैं. प्राविधिक शिक्षा प्रमुख सचिव एम देवराज इसके लिए राजकीय पॉलिटेक्निक में निधि खातों में पड़े पैसे के प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं.

राजकीय पॉलिटेक्निक में स्थापित होंगे स्मार्ट क्लास
राजकीय पॉलिटेक्निक में स्थापित होंगे स्मार्ट क्लास

इस संबंध में प्राविधिक शिक्षा निदेशक के राम ने बताया कि 'प्रदेश में मौजूद सभी डेढ़ सौ राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लास बनाने का निर्देश प्रमुख सचिव की ओर से जारी किया गया है. मौजूदा समय में एक दर्जन राजकीय पॉलिटेक्निक को छोड़कर बाकी सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध नहीं है. हालत यह है की राजधानी सहित प्रदेश के कई बड़े जिलों में स्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक में अभी तक स्मार्ट क्लास की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट क्लास बनने से विद्यार्थियों को न्यू ऐज एजुकेशन का फायदा पहुंचेगा. इससे छात्र पढ़ाई के दौरान अपने प्रोजेक्ट को आसानी से समझ सकेंगे और इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे.'



निर्देशक के राम ने बताया कि 'वर्तमान समय में प्रत्येक राजकीय संस्थान के छात्रनिधि खाते में कम से कम 50 लाख रुपये हैं. बीते करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से इस खाते के पैसे का प्रयोग नहीं किया गया है. ऐसे में प्रमुख सचिव ने सभी राजकीय पॉलिटेक्निक को अपने आप को अपग्रेड करने और छात्रों को बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से इन पैसों के इस्तेमाल के लिए प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है. निदेशक ने बताया कि सभी राजकीय पॉलिटेक्निक अपने यहां पर काम से कम दो स्मार्ट क्लास रूम के साथ अन्य काम भी करवा पाएंगे. इसमें कम्प्यूटर, लैब, लाइब्रेरी आदि शामिल हैं. इन सबके बाद भी जो पैसा बचेगा उसका इस्तेमाल अन्य ट्रेड में स्मार्ट क्लास रूम बनवाने का काम होगा. निदेशक ने बताया कि सभी राजकीय पॉलिटेक्निक को अपने यहां पर संचालित विभिन्न ट्रेड वाइज स्मार्ट क्लास का निर्माण करना होगा. निदेशक ने कहा कि सभी राजकीय पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य को प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे. सभी खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से होगी.'

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यह भी पढ़ें : राजकीय पॉलिटेक्निक में इंडस्ट्री की मांग के अनुसार खोले गए पाठ्यक्रमों में भी नहीं भरी सीटें

लखनऊ : प्रदेश के सभी डेढ़ सौ राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लास बनाने की मंजूरी शासन ने प्रदान की है. इस संबंध में प्राविधिक शिक्षा परिषद (प्राशिप) के प्रमुख सचिव एम देवराज ने परिषद के अधिकारियों को निर्देश जारी दिए हैं. प्रमुख सचिव की ओर से जारी किए गए निर्देश के अनुसार, सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में काम से कम एक स्मार्ट क्लास बनाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा जिन राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में पहले से स्मार्ट क्लासरूम बने हैं वह अतिरिक्त स्मार्ट क्लासरूम भी बना सकते हैं. प्राविधिक शिक्षा प्रमुख सचिव एम देवराज इसके लिए राजकीय पॉलिटेक्निक में निधि खातों में पड़े पैसे के प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं.

राजकीय पॉलिटेक्निक में स्थापित होंगे स्मार्ट क्लास
राजकीय पॉलिटेक्निक में स्थापित होंगे स्मार्ट क्लास

इस संबंध में प्राविधिक शिक्षा निदेशक के राम ने बताया कि 'प्रदेश में मौजूद सभी डेढ़ सौ राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लास बनाने का निर्देश प्रमुख सचिव की ओर से जारी किया गया है. मौजूदा समय में एक दर्जन राजकीय पॉलिटेक्निक को छोड़कर बाकी सभी राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध नहीं है. हालत यह है की राजधानी सहित प्रदेश के कई बड़े जिलों में स्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक में अभी तक स्मार्ट क्लास की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट क्लास बनने से विद्यार्थियों को न्यू ऐज एजुकेशन का फायदा पहुंचेगा. इससे छात्र पढ़ाई के दौरान अपने प्रोजेक्ट को आसानी से समझ सकेंगे और इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे.'



निर्देशक के राम ने बताया कि 'वर्तमान समय में प्रत्येक राजकीय संस्थान के छात्रनिधि खाते में कम से कम 50 लाख रुपये हैं. बीते करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से इस खाते के पैसे का प्रयोग नहीं किया गया है. ऐसे में प्रमुख सचिव ने सभी राजकीय पॉलिटेक्निक को अपने आप को अपग्रेड करने और छात्रों को बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से इन पैसों के इस्तेमाल के लिए प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है. निदेशक ने बताया कि सभी राजकीय पॉलिटेक्निक अपने यहां पर काम से कम दो स्मार्ट क्लास रूम के साथ अन्य काम भी करवा पाएंगे. इसमें कम्प्यूटर, लैब, लाइब्रेरी आदि शामिल हैं. इन सबके बाद भी जो पैसा बचेगा उसका इस्तेमाल अन्य ट्रेड में स्मार्ट क्लास रूम बनवाने का काम होगा. निदेशक ने बताया कि सभी राजकीय पॉलिटेक्निक को अपने यहां पर संचालित विभिन्न ट्रेड वाइज स्मार्ट क्लास का निर्माण करना होगा. निदेशक ने कहा कि सभी राजकीय पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य को प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे. सभी खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से होगी.'

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