लखनऊ: केजीएमयू के डॉक्टरों की टीम ने स्लीप एपनिया जैसी बीमारी पर रिसर्च की. इसमें यह बात सामने आई है कि नींद की बीमारी की वजह से सड़क हादसों में बढ़ोतरी हो रही है.
केजीएमयू के डॉक्टरों की टीम के इस रिसर्च से जो आंकड़े सामने आए वह हैरान करने वाले हैं. दरअसल, पिछले दिनों केजीएमयू की डॉक्टरों की टीम ने आरटीओ के लाइसेंस धारकों के डिटेल और डाटा इकट्ठा किया. इसके बाद इस पूरे प्रशिक्षण को अंजाम दिया गया. इस पूरी रिसर्च के दौरान उन सभी वाहन चालकों से बातचीत की गई. इसमें यह बात सामने आई है कि करीब 23 फीसदी से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. बातचीत में मालूम चला कि व्यक्ति को नींद आने की बीमारी हो जाती है. इसकी वजह से जब गहरी नींद में होते हैं तो खर्राटे लेते हैं.
क्या होता है स्लीप एपनिया-
केजीएमयू डॉक्टर दर्शन बजाज ने बताया कि इस बीमारी में करीब कुछ सेकंड के लिए सांसे रूकती है जो कि हमें खर्राटे के रूप में मालूम चलती है. यह बीमारी ज्यादातर तब असर करती है जब व्यक्ति द्वारा वाहन को चलाया जा रहा है.
इसके कई रूप होते हैं ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, सेंटर स्लीप एपनिया और कंपलेक्स स्लीप एपनिया.
डॉक्टरों की टीम ने आरटीओ ऑफिस से आवेदकों का डाटा मंगाया. इसके बाद इस पूरे रिसर्च को पूरा किया गया. इस रिसर्च में सभी पुरुष थे. उनकी उम्र करीब 20 से 50 साल के बीच में थी. इसके साथ ही खर्राटा लेने, थकान महसूस करने आदि तमाम आंकड़ों को जुटाकर इसके जोखिम होने का निर्धारण किया गया.