लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में सहकारिता विभाग में हुई भर्ती धांधली के मामले में एसआईटी जांच कर रही है. वहीं इस जांच में अब कुछ और अधिकारियों पर शिकंजा कर सकता है. सपा शासन में सहकारिता विभाग में 2,324 पदों पर हुई भर्ती जांच के दायरे में है.
वहीं शासन ने सहकारिता विभाग में 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के मध्य की गई सभी नियुक्तियों की जांच का जिम्मा एसआईटी को सौंपा है. एसआईटी उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में हुई भर्तियों की जांच को पूरा करने के करीब है. एसआईटी इसी माह रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है.
घोटाले में SIT का कसा शिकंजा
सपा शासनकाल में 2,324 पदों पर सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाला हुआ था, जिसके बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 1 अप्रैल 2012 से लेकर 31 मार्च 2017 तक हुई भर्तियों की जांच का जिम्मा एसआईटी को दे दिया. वहीं सूत्रों के हवाले से इस मामले में गठित एसआईटी अपनी जांच में कुछ और अधिकारियों पर शिकंजा कसने जा रही है. एसआईटी ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक नारद यादव व प्रबंधक सुधीर कुमार के बयान भी दर्ज किए हैं. वहीं कई और अधिकारियों के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं.
जानें क्या था पूरा मामला
सपा सरकार में सहकारिता विभाग में 2,324 पदों पर भर्तियां की गई थीं. वहीं इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे. यह भर्तियां सहकारिता विभाग के साथ कॉपरेटिव बैंक में चार प्रकार के पदों पर की गई थीं. इनमें उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम और उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में भी भर्तियां हुईं थी. इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है.