लखनऊ: नोएडा में अफसरों की लापरवाही और मिलीभगत से सुपर टेक कंपनी के दो अवैध टावर बनाए जाने के मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है. पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में 40 मंजिले दो अवैध टावर और अफसरों की मिलीभगत के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम एसआईटी गठित की थी और जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब की थी. अब वरिष्ठ अफसरों की बनाई गई एसआईटी टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी है, जिसमें नोएडा प्राधिकरण के कई अफसरों, इंजीनियरों व कर्मचारियों की मिलीभगत और संलिप्तता की बात कहते हुए उन पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है.
एसआईटी टीम में शामिल एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेजे जाने की पुष्टि की है. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जल्द ही रिपोर्ट पेश की जाएगी और उसके बाद कभी भी जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के अफसरों की संलिप्तता की बात सामने आई है. वहीं एसआईटी में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी गई है और सुपरटेक के 40 मंजिले दो अवैध टावर निर्माण किए जाने में नोएडा प्राधिकरण के कई अधिकारियों और इंजीनियर व कर्मचारियों की संलिप्तता प्रकाश में आई है, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट में सारी जानकारी दी गई है.
इसे भी पढ़ें - CM योगी ने की निजी स्कूलों में बेटियों की फीस माफ करने की अपील, जानिए और क्या कहा
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जांच रिपोर्ट के आधार पर कई बड़े अफसरों पर भी कार्रवाई कर सकते हैं. करीब 1 महीने की विस्तृत जांच पड़ताल के बाद 4 सदस्यीय एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी है, जिसमें अफसरों की सुपर टेक कंपनी के साथ मिलीभगत और संलिप्तता होने के चलते अवैध टावर निर्माण की बात कही गई है और लोगों का पैसा फंसाने की बात भी इसमें शामिल है.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने नोएडा में अवार्ड टावर को ध्वस्त करने का सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया था और दोनों टावर को ध्वस्त करते हुए फ्लैट खरीदारों का पैसा ब्याज सहित लौटाने का भी आदेश दिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर हुए और कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद तत्कालीन नोएडा के नियोजन प्रबंधक मुकेश गोयल को निलंबित कर दिया था.
इसके बाद 2 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक एसआईटी टीम का गठन किया था, जिसमें अवस्थापना और औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल, पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, एडीजी मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल और मुख्य नगर व ग्राम नियोजक अनूप श्रीवास्तव को शामिल किया गया था.
करीब एक महीने की लंबी जांच पड़ताल के बाद एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है, जिसमें कई अधिकारियों के नाम शामिल होने की बात कही जा रही है. इसमें से कई ऐसे अधिकारी हैं, जो नोएडा प्राधिकरण से दूसरी जगहों पर ट्रांसफर हो चुके हैं. इनमें से कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी टीम को यह निर्देश दिया था कि साल 2004 से लेकर 2017 के बीच नोएडा प्राधिकरण में जितने लोग भी तैनात रहे और जिन की संलिप्तता और मिलीभगत के आधार पर यह अवैध दो टावर का निर्माण हुआ उसकी एक-एक बिंदु पर जांच पड़ताल की जाए और विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश किए जाए.
अब पूरी विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जल्द ही शासन के वरिष्ठ अधिकारी रिपोर्ट पेश करेंगे और उसके बाद कभी भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.