लखनऊः सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां की मुश्किलें और बढ़ती ही जा रही हैं. अब जल निगम घोटाले नहीं एसआईटी ने उन्हें दोषी पाया है. इस मामले को लेकर एसआईटी ने सीतापुर जेल में बंद आजम खान के पास एक वारंट भी भेजा गया है. बता दें सपा सरकार के मुलायम सिंह सरकार और अखिलेश यादव की सरकार में आजम खान कैबिनेट मंत्री रहे हैं. अखिलेश सरकार में उनके पास नगर विकास और जल संसाधन मंत्रालय था और बड़ी संख्या में जल निगम के अंतर्गत सहायक इंजीनियर की भर्तियां हुईं थी. इन भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसआईटी गठित की गई थी.
सपा के कार्यकाल में हुई थी भर्तियां
सपा शासनकाल में जल निगम में सहायक इंजीनियर के 1300 पदों पर भर्ती हुई थी. भर्ती को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई जिसको देखते हुए इस मामले की जांच के लिए प्रदेश कि योगी सरकार ने एसआईटी को जांच सौंपी थी. इस मामले में एसआईटी ने अपनी जांच में पूर्व मंत्री आजम खां को दोषी पाया है.
ये है मामला
समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में जल संसाधन मंत्रालय पूर्व मंत्री आजम खान के पास था 2016- 17 में जल निगम के अंतर्गत 1300 पदों पर सहायक अभियंता की भर्ती की गई. भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई. प्रदेश की योगी सरकार आने के बाद इस पूरे मामले कि जांच एसआईटी को सौंपा गया. इसके बाद सरकार ने जेई और क्लर्क कि भर्तियों को रद कर दिया गया था. इस मामले में एसआईटी ने 25 अप्रैल 2018 नगर विकास के सचिव एसपी सिंह जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी, मुख्य अभियंता अनिल खरे के खिलाफ केस दर्ज किया था .एसआईटी ने इस मामले में आजम खां समेत डेढ़ दर्जन लोगों से पूछताछ कर चुकी है. एसआईटी ने इस जांच प्रक्रिया को पूरा कर लिया है, जिसमें अब आजम खां को दोषी माना गया है
जल निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी ने आजम खान को माना दोषी
पूर्व मंत्री और सांसद आजम खान जल निगम भर्ती घोटाले में दोषी पाए गए हैं. इस मामले में गठित एसआईटी ने सीतापुर जेल में बंद आजम खान को वारंट भेजा है. सपा के शासन कार्यकाल में जल निगम में सहायक इंजीनियर के 1300 पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितता पाई गई थी.
लखनऊः सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां की मुश्किलें और बढ़ती ही जा रही हैं. अब जल निगम घोटाले नहीं एसआईटी ने उन्हें दोषी पाया है. इस मामले को लेकर एसआईटी ने सीतापुर जेल में बंद आजम खान के पास एक वारंट भी भेजा गया है. बता दें सपा सरकार के मुलायम सिंह सरकार और अखिलेश यादव की सरकार में आजम खान कैबिनेट मंत्री रहे हैं. अखिलेश सरकार में उनके पास नगर विकास और जल संसाधन मंत्रालय था और बड़ी संख्या में जल निगम के अंतर्गत सहायक इंजीनियर की भर्तियां हुईं थी. इन भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसआईटी गठित की गई थी.
सपा के कार्यकाल में हुई थी भर्तियां
सपा शासनकाल में जल निगम में सहायक इंजीनियर के 1300 पदों पर भर्ती हुई थी. भर्ती को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई जिसको देखते हुए इस मामले की जांच के लिए प्रदेश कि योगी सरकार ने एसआईटी को जांच सौंपी थी. इस मामले में एसआईटी ने अपनी जांच में पूर्व मंत्री आजम खां को दोषी पाया है.
ये है मामला
समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में जल संसाधन मंत्रालय पूर्व मंत्री आजम खान के पास था 2016- 17 में जल निगम के अंतर्गत 1300 पदों पर सहायक अभियंता की भर्ती की गई. भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई. प्रदेश की योगी सरकार आने के बाद इस पूरे मामले कि जांच एसआईटी को सौंपा गया. इसके बाद सरकार ने जेई और क्लर्क कि भर्तियों को रद कर दिया गया था. इस मामले में एसआईटी ने 25 अप्रैल 2018 नगर विकास के सचिव एसपी सिंह जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी, मुख्य अभियंता अनिल खरे के खिलाफ केस दर्ज किया था .एसआईटी ने इस मामले में आजम खां समेत डेढ़ दर्जन लोगों से पूछताछ कर चुकी है. एसआईटी ने इस जांच प्रक्रिया को पूरा कर लिया है, जिसमें अब आजम खां को दोषी माना गया है