लखनऊः प्रदेश की राजधानी में मंगलवार को गणेश उत्सव का समापन आरती और जयकारे के साथ हुआ. इस बार विसर्जन के मौके पर गोमती के घाटों का नजारा पिछले सालों से एकदम अलग दिखा.
गोमती के घाटों पर पसरा सन्नाटा
राजधानी लखनऊ में इस बार गोमती नदी के तटों पर सन्नाटा पसरा है. इस बार गणेश प्रतिमा का विसर्जन गोमती में नहीं करने दिया जा रहा है. हर घाट पर बैरिकेडिंग और यूपी पुलिस के जवान मौजूद हैं.
घाटों पर पुलिस मौजूद
प्रतिमा विसर्जन को लेकर इस बार नई गाइडलाइंस जारी की गई है. किसी को भी गणेश प्रतिमा को गोमती नदी में विसर्जित नहीं करने दिया जा रहा है. इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. सुबह से ही हर घाट पर पुलिस के जवान मुस्तैदी से डटे हुए हैं और बैरिकेडिंग लगाई गई है.
दर्ज किए जा रहे नाम-पते
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान घाटों पर मौजूद हैं और उनके हाथों में एक रजिस्टर भी है. जो भी भक्त गणेश प्रतिमा को घाट पर विसर्जित करने के लिए आता है. ये जवान उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज कर रहे हैं. शासन का सख्त निर्देश है कि सभी के ब्योरे जुटाए जाएं. साथ ही जो लोग गोमती में प्रतिमा का विसर्जित करते हुए पाए जाएं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.
ऐसे हुआ विसर्जन
इस बार किसी ने भूमि विसर्जन, तो किसी ने अपने घर में गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया. महानगर स्थित श्री श्याम सत्संग भवन में स्थापित मनौतियों के राजा को वहां बने हुए स्विमिंग पूल में विसर्जित किया गया. इस बार गणेश प्रतिमा के विसर्जन में किसी ने कोरोना से समाज को मुक्त कराने के लिए प्रार्थना की, तो किसी ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने की कृपा का वरदान मांगा.