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यूपी कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का मामला, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अदालत में दर्ज कराई गवाही

अजय कुमार लल्लू के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले में सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सोमवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की गवाही दर्ज कराई. कोर्ट ने तय तारीख पर श्रीकांत शर्मा को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है.

हाईकोर्ट.
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Published : Sep 27, 2021, 9:53 PM IST

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले में सोमवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की गवाही दर्ज करते हुए, अभियुक्त की ओर से बहस के लिए 4 अक्टूबर की तिथि तय की है. कोर्ट ने तय तारीख पर श्रीकांत शर्मा को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है. उक्त परिवाद भी श्रीकांत शर्मा ने ही दाखिल किया है. 7 फरवरी 2020 को विशेष अदालत ने इस परिवाद पर संज्ञान लेते हुए बतौर अभियुक्त अजय कुमार लल्लू को आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध के विचारण के लिए जरिए समन तलब किया था.

ये था मामला

परिवाद में आरोप लगाया गया है कि 4 नवंबर 2019 को विधान परिषद सदस्य और उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रिन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मंत्री के खिलाफ असत्य दुर्भावनापूर्ण, भ्रामक बयान जारी किया था, जो विभिन्न न्यूज चैनलों पर प्रसारित हुआ, साथ ही अगले दिन अनेक सामाचार पत्रों में भी उनका बयान प्रकाशित हुआ. उसे भी आम जनमानस द्वारा देखा और पढ़ा गया. परिवाद के मुताबिक अजय कुमार लल्लू ने कहा था कि गरीब जनता की बिजली कुछ सौ और हजार रुपए के बकाए पर कटवा देने वाले मंत्री जी विभाग के खजाने से हजारों करोड़ रुपए देशद्रोहियों दाउद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची से जुड़ी कम्पनियों को देते हैं. इस बात की जांच की जानी चाहिए कि सितम्बर और अक्टूबर 2017 में ऊर्जा मंत्री किस प्रयोजन से दुबई गए थे और वहां किन-किन लोगों से मुलाकात की.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले में सोमवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की गवाही दर्ज करते हुए, अभियुक्त की ओर से बहस के लिए 4 अक्टूबर की तिथि तय की है. कोर्ट ने तय तारीख पर श्रीकांत शर्मा को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है. उक्त परिवाद भी श्रीकांत शर्मा ने ही दाखिल किया है. 7 फरवरी 2020 को विशेष अदालत ने इस परिवाद पर संज्ञान लेते हुए बतौर अभियुक्त अजय कुमार लल्लू को आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध के विचारण के लिए जरिए समन तलब किया था.

ये था मामला

परिवाद में आरोप लगाया गया है कि 4 नवंबर 2019 को विधान परिषद सदस्य और उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रिन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मंत्री के खिलाफ असत्य दुर्भावनापूर्ण, भ्रामक बयान जारी किया था, जो विभिन्न न्यूज चैनलों पर प्रसारित हुआ, साथ ही अगले दिन अनेक सामाचार पत्रों में भी उनका बयान प्रकाशित हुआ. उसे भी आम जनमानस द्वारा देखा और पढ़ा गया. परिवाद के मुताबिक अजय कुमार लल्लू ने कहा था कि गरीब जनता की बिजली कुछ सौ और हजार रुपए के बकाए पर कटवा देने वाले मंत्री जी विभाग के खजाने से हजारों करोड़ रुपए देशद्रोहियों दाउद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची से जुड़ी कम्पनियों को देते हैं. इस बात की जांच की जानी चाहिए कि सितम्बर और अक्टूबर 2017 में ऊर्जा मंत्री किस प्रयोजन से दुबई गए थे और वहां किन-किन लोगों से मुलाकात की.

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