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कोरोना ने मासूमों के निवाले पर लगाया ग्रहण, मेडिकल स्टोर्स में भी नहीं बचा लेक्टोजेन

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Published : Apr 8, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Apr 9, 2020, 10:59 AM IST

राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन के दौरान ईटीवी भारत ने कई मेडिकल स्टोर्स का जायजा लिया. इस दौरान मालूम हुआ कि मेडिसिन मार्केट समेत तमाम मेडिकल स्टोर्स पर आम दवाएं तो मिल रही हैं, लेकिन नवजात शिशुओं के लिए जरूरी लेक्टोजन की उपलब्धता न के बराबर है. ज्यादातर दुकानों पर बच्चों का दूध भी उपलब्ध नहीं है.

मेडिकल स्टोर्स में भी नहीं बचा लेक्टोजेन
मेडिकल स्टोर्स में भी नहीं बचा लेक्टोजेन

लखनऊ: कोरोना जैसी महामारी ने विश्व भर को अपनी चपेट में लिया है. अपना देश भी इस महामारी से बिल्कुल भी अछूता नहीं है. इस महामारी को देश में पैर पसारने से रोका जा सके इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉक डाउन किया है. राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में भी सब कुछ बंद है, लेकिन दवाओं को छूट दी गई है. लखनऊ की मेडिसिन मार्केट समेत तमाम मेडिकल स्टोर्स पर आम दवाएं तो मिल रही हैं, लेकिन नवजात शिशुओं के लिए जरूरी लेक्टोजन की उपलब्धता न के बराबर है. ज्यादातर दुकानों पर बच्चों का दूध उपलब्ध ही नहीं है. ऐसे में उन मासूमों को इस समय काफी दिक्कत हो रही है. 'ईटीवी भारत' ने कई स्थानों पर मेडिकल स्टोर्स का जायजा लिया तो इन पर लेक्टोजन नहीं मिला.

मेडिकल स्टोर्स में भी नहीं बचा लेक्टोजेन

मेडिकल स्टोर में नहीं बचा लेक्टोजन
कैंट रोड पर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर जब नवजात शिशुओं के लेक्टोजन दूध के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि काफी दिनों से लेक्टोजन आ ही नहीं रहा है. मार्केट में भी इसकी आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे यह मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा अन्य दवाएं भी काफी कम ही बची हैं. लॉक डाउन का असर दवाओं पर भी पड़ रहा है. जिन मेडिकल स्टोरों पर पहले से स्टॉक रखा है बस वही मिल रहा है.

ट्रांसपोर्टेशन बंद होने नहीं है सप्लाई
मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि मार्केट में लैक्टोजन की बहुत शॉर्टेज है, मिल ही नहीं रहा है. जिन लोगों ने ज्यादा स्टॉक रख लिया है, उन्हीं के पास संभव है. ट्रांसपोर्टेशन बंद होने के चलते सप्लाई ही नहीं है. बड़ी बात यह भी है कि फैमिलीज ने डर की वजह से 10 से 12 पैकेट पहले लेकर रख लिए हैं. ऐसे में और भी शॉर्टेज हो गई है. अब यह नहीं समझ आ रहा है कि बच्चे तो दूध ही पीते हैं बच्चों को अगर दूध नहीं मिलेगा तो फिर दिक्कत हो जाएगी. कोरोना से तो लोग नहीं मरेंगे, लेकिन अन्य बीमारियों से मरने लगेंगे.

लखनऊ: कोरोना जैसी महामारी ने विश्व भर को अपनी चपेट में लिया है. अपना देश भी इस महामारी से बिल्कुल भी अछूता नहीं है. इस महामारी को देश में पैर पसारने से रोका जा सके इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉक डाउन किया है. राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में भी सब कुछ बंद है, लेकिन दवाओं को छूट दी गई है. लखनऊ की मेडिसिन मार्केट समेत तमाम मेडिकल स्टोर्स पर आम दवाएं तो मिल रही हैं, लेकिन नवजात शिशुओं के लिए जरूरी लेक्टोजन की उपलब्धता न के बराबर है. ज्यादातर दुकानों पर बच्चों का दूध उपलब्ध ही नहीं है. ऐसे में उन मासूमों को इस समय काफी दिक्कत हो रही है. 'ईटीवी भारत' ने कई स्थानों पर मेडिकल स्टोर्स का जायजा लिया तो इन पर लेक्टोजन नहीं मिला.

मेडिकल स्टोर्स में भी नहीं बचा लेक्टोजेन

मेडिकल स्टोर में नहीं बचा लेक्टोजन
कैंट रोड पर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर जब नवजात शिशुओं के लेक्टोजन दूध के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि काफी दिनों से लेक्टोजन आ ही नहीं रहा है. मार्केट में भी इसकी आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे यह मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा अन्य दवाएं भी काफी कम ही बची हैं. लॉक डाउन का असर दवाओं पर भी पड़ रहा है. जिन मेडिकल स्टोरों पर पहले से स्टॉक रखा है बस वही मिल रहा है.

ट्रांसपोर्टेशन बंद होने नहीं है सप्लाई
मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि मार्केट में लैक्टोजन की बहुत शॉर्टेज है, मिल ही नहीं रहा है. जिन लोगों ने ज्यादा स्टॉक रख लिया है, उन्हीं के पास संभव है. ट्रांसपोर्टेशन बंद होने के चलते सप्लाई ही नहीं है. बड़ी बात यह भी है कि फैमिलीज ने डर की वजह से 10 से 12 पैकेट पहले लेकर रख लिए हैं. ऐसे में और भी शॉर्टेज हो गई है. अब यह नहीं समझ आ रहा है कि बच्चे तो दूध ही पीते हैं बच्चों को अगर दूध नहीं मिलेगा तो फिर दिक्कत हो जाएगी. कोरोना से तो लोग नहीं मरेंगे, लेकिन अन्य बीमारियों से मरने लगेंगे.

Last Updated : Apr 9, 2020, 10:59 AM IST
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