लखनऊ: कोर्ट में जज के सामने कुख्यात संजीव जीवा की हत्या करने वाले शूटर विजय यादव (Shooter Vijay Yadav) से शुक्रवार को 100 पुलिसकर्मियों के बीच पूछताछ शुरू हुई. इसके बावजूद विजय ने लखनऊ पुलिस को जम कर अपने गोल मोल जवाबों (Shooter Vijay Yadav misled police) से उलझाया. विजय ने पहले दिन की ही तरह रिमांड के दौरान दोनो ही दिन हत्याकांड का मास्टरमाइंड नेपाल के असलम को बताया. अब पुलिस संजीव हत्याकांड की असल वजह जाने के लिए हत्यारोपी विजय का नार्को टेस्ट करा सकती है. इसके लिए कोर्ट में पुलिस जल्द ही एप्लिकेशन दाखिल करेगी.
100 पुलिसकर्मियों के घेरे में शुरू हुई दूसरे दिन की रिमांड: शुक्रवार को संजीव जीवा हत्याकांड (Sanjeev Jeeva Murder Case) में आरोपी शूटर विजय यादव की पुलिस रिमांड का दूसरा दिन था. राजधानी के चौक थाने में एसीपी चौक, एडीसीपी वेस्ट और तीन दरोगा ने विजय यादव के सामने सवालों की झड़ी लगा दी. आरोपी विजय के चारों ओर करीब सौ पुलिसकर्मियों का घेरा था. थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों को विजय यादव के माथे पर शिकन तक नहीं दिखी. वो हर सवाल का जवाब रट्टू तोते की ही तरह दे रहा था. हालांकि कई सवालों में उसने चुप्पी साधी हुई थी.
लखनऊ में कई थे शूटर विजय के मददगार: सूत्रों के मुताबिक, रिमांड के दूसरे दिन पूछताछ के बाद पुलिसकर्मियों को यह तो पता चल गया है कि आरोपी शूटर विजय यादव की मदद करने और बैकअप देने वालों की एक लंबी चेन थी. उन्हें विजय यादव तो नहीं जानता था, लेकिन और किसी के इशारों वो पर विजय की हर छोटी से छोटी मदद कर रहे थे, ताकि गैंगस्टर जीवा को मौत के घाट उतारा जा सके. हालांकि पुलिस संजीव को मरवाने वाले असली मास्टरमाइंड के बारे में जानकारी नहीं हासिल कर सकी है.
रिमांड के दूसरे दिन पुलिस ने विजय से पूछे ये सवाल:
पुलिस- तुमने गिरफ्तारी के बाद झूठा बयान क्यों दिया था?
विजय- मैंने कोई झूठ नहीं बोला, जो हुआ सब सही बोला था.
पुलिस- अच्छा फिर ये बताओ नेपाल में रहने वाले रहमान ने संजीव को क्यों मरवाया?
विजय- रहमान ने नही नेपाल में रहने वाले असलम ने मुझे जीवा की सुपारी दी थी. (पुलिस ने जानबूझ कर रिमांड के द्वारा असलम का नाम रहमान बोला था)
पुलिस- तुम लखनऊ कैसे आए?
विजय- सर बता तो चुका हूं, नेपाल से बहराइच और फिर वहां से लखनऊ.
पुलिस- तुम कोर्ट कैसे पहुंचे?
विजय- जैसे ही लखनऊ में बस से उतरा एक लड़का मेरे पास आया. उसने मेरा नाम पूछा और फिर सुलभ शौचालय ले गया. वहां पर मुझे उस लड़के ने एक पॉलीथीन में वकील की ड्रेस दी. उसे मैंने पहन लिया.
पुलिस- क्या कोर्ट तुम अपने आप चले गए?
विजय- नहीं, मैं तो कोर्ट का रास्ता ही नहीं जानता था। बस स्टेशन के पास मिले लड़के ने मुझे एक व्यक्ति के हवाले कर दिया, जिसने मुझे अपने पीछे पीछे चलने के लिए कहा। बस उसके पीछे पीछे चल कर कोर्ट पहुंच गया।
पुलिस- जीवा तो काफी साल से जेल में था, तुमने उसको कैसे पहचाना?
विजय- नहीं, मैंने फोटो नहीं देखी थी. जीवा जब कैदी वाली बस से पुलिस वालों के साथ उतरा था. तभी मेरे साथ वाले व्यक्ति ने मुझे दिखाया था. इसके बाद मैं पहले ही कोर्ट के पास पहुंच गया.
पुलिस- तुम असलहा तस्करी के धंधे में कब से हो?
विजय- दो साल से इस धंधे में हूं, मुंगेर से पिस्टल लेकर मैं मुंबई और राजस्थान में कई बार सप्लाई कर चुका हूं.
हालांकि पुलिस ने जब विजय से बार-बार उसके साथियों के बारे में पूछा, तो वह गोल मोल जब देता रहा. उसकी नेपाल में असलम से किसने मुलाकात करवाई. वह जीवा को मारने के बाद भागा क्यों नहीं, जैसे कई सवालों के जवाब पुलिस को रिमांड के दौरान नहीं मिल सके. राजधानी की कोर्ट में कुख्यात संजीव जीवा की हत्या करने वाला विजय रिमांड के दौरान भी वही कहानी दोहराता रहा, जो उसने वारदात के बाद कही थी.
7 जून को जीवा को मौत के घाट उतारने के बाद विजय यादव ने कबूल किया था कि, उसे जीवा की सुपारी नेपाल में रहने वाले असलम ने 20 लाख में दी थी. असलम जीवा से अपने भाई की बेइज्जती का बदला लेना चाहता था. उसने बताया था कि, असलम का एक भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है. कुछ दिन पहले जीवा ने अतीफ की दाढ़ी नोची थी.
एक नजर में जीवा हत्याकांड:
- 7 जून को राजधानी की विशेष न्यायधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट में 11:30 बजे संजीव जीवा पेशी के लिए आया था.
- 3:15 बजे गवाही के दौरान जीवा ने पेशाब करने के लिए जाने के लिए पुलिसकर्मियों से कहा.
- पेशाब कर वापस कोर्ट के अंदर जाते हुए 3:30 पर वकील की ड्रेस पहने व्यक्ति ने जीवा पर फायरिंग कर दी.
- फायरिंग के दौरान जीवा की मौके पर ही मौत हो गई.
- इस दौरान सुरक्षा में तैनात दो सिपाही लाल मोहम्मद और कमलेश को भी गोली लगी.
- जीवा के सीने को पार करती हुई गोली कोर्ट में मौजूद डेढ़ वर्ष की बच्ची को जाकर लगी.
- शूटर की पहचान जौनपुर के केराकत निवासी विजय उर्फ आनंद यादव के रूप में हुई.
- जीवा लखनऊ जेल में बीजेपी विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या की सजा काट रहा था.
- कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी शामिल था संजीव जीवा.
- हत्यारोपी विजय यादव को कोर्ट ने पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा है.
लखनऊ पुलिस विजय यादव से हत्या की असली वजह, मुख्य किरदार और मददगारों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
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