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शूटर दादी निजी स्कूल के स्पोर्ट्स कार्निवल में हुई शामिल

शूटर दादी मंगलवार को धनबाद पहुंची, जहां उन्होंने एक निजी विद्यालय के कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपने जीवन की कई अहम बातें शेयर की.

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स्पोर्ट्स कार्निवल का आयोजन.
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Published : Jan 22, 2020, 1:41 AM IST

धनबाद: शूटर दादी के नाम से मशहूर शूटिंग में 25 नेशनल चैंपियनशिप जीत चुकी 82 साल की चंद्रो तोमर मंगलवार को धनबाद पहुंची, जहां उन्होंने एक निजी विद्यालय के स्पोर्ट्स कार्निवल के उद्घाटन में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने लोगों से बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ और बेटी खेलाओ की अपील की.

स्पोर्ट्स कार्निवल का आयोजन.

स्पोर्ट्स कार्निवल के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपना कला से जलवा बिखेरा, जिसे देख कर शूटर दादी काफी खुश हुई और स्कूल के बच्चों की सराहना भी की.

इसे भी पढ़ें:- 9वीं राज्य स्तरीय सब जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता संपन्न, बालक-बालिका के दोनों वर्गों में धनबाद ने मारी बाजी

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ बेहद जरूरी
मीडिया से बातचीत के दौरान शूटर दादी ने बताया की बेटियां आज दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही है, इसलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिस उम्र में हमने शूटिंग शुरू की थी उस दौर में लोगों ने कई तरह के सवाल खड़े किए थे, लेकिन मैं चुप रहती थी. उन्होंने बताया कि सहनशक्ति बहुत जरूरी है, जितना आप सहन करेंगे उतने ही आप सफलता की ओर बढ़ेंगे.

शूटर दादी पिछले कई सालों से गरीब बच्चों की सेवा कर रही हैं. लगभग 5 से 7 गांवों में वो बच्चों को शूटिंग की ट्रेनिंग देती हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

शूटर दादी की जीवन पर आधारित बनी फिल्म सांड की आंख को लेकर उन्होंने बताया कि इस फिल्म की किरदार तापसी मेरे घर पर तीन महीने तक रही थी, मेरे साथ मे खाना खाने से लेकर रात में वह मेरे साथ बेड पर सोती भी थी. उन्होंने कहा कि 52 गज का घाघरा भी मैंने तापसी को पहनकर दिखाया था.

धनबाद: शूटर दादी के नाम से मशहूर शूटिंग में 25 नेशनल चैंपियनशिप जीत चुकी 82 साल की चंद्रो तोमर मंगलवार को धनबाद पहुंची, जहां उन्होंने एक निजी विद्यालय के स्पोर्ट्स कार्निवल के उद्घाटन में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने लोगों से बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ और बेटी खेलाओ की अपील की.

स्पोर्ट्स कार्निवल का आयोजन.

स्पोर्ट्स कार्निवल के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपना कला से जलवा बिखेरा, जिसे देख कर शूटर दादी काफी खुश हुई और स्कूल के बच्चों की सराहना भी की.

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ बेहद जरूरी
मीडिया से बातचीत के दौरान शूटर दादी ने बताया की बेटियां आज दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही है, इसलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि जिस उम्र में हमने शूटिंग शुरू की थी उस दौर में लोगों ने कई तरह के सवाल खड़े किए थे, लेकिन मैं चुप रहती थी. उन्होंने बताया कि सहनशक्ति बहुत जरूरी है, जितना आप सहन करेंगे उतने ही आप सफलता की ओर बढ़ेंगे.

शूटर दादी पिछले कई सालों से गरीब बच्चों की सेवा कर रही हैं. लगभग 5 से 7 गांवों में वो बच्चों को शूटिंग की ट्रेनिंग देती हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

शूटर दादी की जीवन पर आधारित बनी फिल्म सांड की आंख को लेकर उन्होंने बताया कि इस फिल्म की किरदार तापसी मेरे घर पर तीन महीने तक रही थी, मेरे साथ मे खाना खाने से लेकर रात में वह मेरे साथ बेड पर सोती भी थी. उन्होंने कहा कि 52 गज का घाघरा भी मैंने तापसी को पहनकर दिखाया था.

Intro:धनबाद।शूटर दादी के नाम से मशहूर शूटिंग में 25 नेशनल चैंपियनशिप जीत चुकी 82 साल की चंद्रो तोमर आज धनबाद पहुंची। यहां वह एक निजी विद्यालय के स्पोर्ट्स कार्निवल के उद्घाटन में शिरकत करने पहुंची थी।उन्होंने लोगों से बेटी बचाव बेटी पढ़ाव और बेटी खेलाव की अपील की है।


Body:स्पोर्ट्स कार्निवल के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन छात्र-छात्राओं ने किया। जिसे देख कर शूटर दादी काफी प्रसन्न हुई और स्कूल के बच्चों की सराहना भी की।

मीडिया से बातचीत के दौरान शूटर दादी ने बताया की बेटियां आज दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही है इसलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ बेहद जरूरी है।उन्होंने कहा कि जिस उम्र में हमने शूटिंग शुरू की कई तरह के सवाल खड़े करते थे।लेकिन मैं चुप रहती थी।जब लोग ज्यादा बोलते थे तो मैं एक ही बात कहती थी।जिन्हें भी जो भी बोलना है।वे जल्दी जल्दी बोलें मुझे शूटिंग पर जाना है।उन्होंने कहा सहनशक्ति बहुत जरूरी है।जितना सहन करेंगे आप उतने ही सफलता की ओर बढ़ेंगे।

पिछले कई सालों से गरीब बच्चों की सेवा कर रही है।करीब 5 से 7 गावों में उनके द्वारा बच्चों को शूटिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है।बच्चों को कई तरह के तरीके यह सिखाती हैं। इनकी इच्छा आवसीय विद्यालय खोलने की है।उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा उन्हें कोई सहयोग नही मिल रहा है।

इनकी जीवन पर आधारित बनी फिल्म सांड की आंख पर उन्होंने बताया कि इस फ़िल्म की किरदार तापसी मेरे घर पर तीन महीने तक रही थी।मेरे साथ मे खाना खाने से लेकर रात में वह मेरे साथ बेड पर सोती भी थी।52 गज का घाघरा वह भी मैंने उसे पहनकर दिखाया।दोनो मिलकर किचन में खाना भी पकाती थी।


Conclusion:
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