लखनऊ: समाजवादी पार्टी में लगातार दूसरी पार्टियों से टूटकर नेताओं का आना जारी है, वहीं ओम प्रकाश राजभर जैसे कई बड़े चेहरे भी सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव में उतरने का एलान कर चुके हैं. हालांकि अबतक भतीजे अखिलेश की अपने चाचा शिवपाल से दूरी बनी हुई है. ऐसे में सपा के M-Y (MUSLIM-YADAV) समीकरण पर प्रसपा ने काम करना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर पार्टी के प्रदेश महासचिव विनोद मिश्रा और महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता अनिता मिश्रा से बातचीत की.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव विनोद मिश्रा ने कहा कि इस चुनाव में M-Y (MUSLIM, YADAV) समीकरण जरूर काम करेगा और हमारे साथ तेजी से यादव के साथ मुसलमान साथ आ रहे हैं.
विनोद मिश्रा ने कहा कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव संगठन के आदमी रहे और हर धर्म और जात के लोग उनके साथ मिलकर काम कर चुकें है, लेकिन निश्चित तौर पर यादवों में शिवपाल सिंह यादव का बड़ा प्रभाव रहता है और मुसलमानों को भी साथ लाने के लिए लगातार उनसे जुड़े नेताओं को जोड़ा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में शिवपाल सिंह यादव ने किछौछा शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन को भी साथ में लिया है, जिनके बड़ी तादाद में यूपी में मानने वालें हैं. जिनका दरगाह से जुड़े मुसलमानों में बड़ा प्रभाव है. विनोद मिश्रा ने कहा कि निश्चित तौर पर इस बार मुसलमान और यादव का साथ हमारे साथ होने वाला है.
रथ में जहां एक ओर आचार्य प्रमोद कृष्णम थे, तो दूसरी ओर मुसलमानों में भी संदेश देने के लिए मौलाना अंसार रजा को शिवपाल ने अपने साथ बैठाया. जिसके बाद से ही यह चर्चा तेज हो गई कि अखिलेश भले ही M-Y पर बोलने से बच रहे हों लेकिन चाचा ने मुसलमानों को साथ लाने का दांव चल दिया है.
कई पार्टियों का खेल बिगाड़ेगी प्रसपा
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता और महिला प्रकोष्ठ की राष्टीय उपाध्यक्ष अनिता मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि शिवपाल सिंह यादव लगातार कहते रहे हैं कि सभी समाजवादी और सेक्युलर सोच के लोगों को हम साथ लेकर आगे बढ़ेंगे.
अनिता मिश्रा ने कहा कि 75 जिलों में हमारे पार्टी ने बूथ स्तर पर संगठन खड़ा कर लिया है और कई कद्दावर लोग पार्टी में जुड़ें है जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि इस चुनाव में सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं सभी का समीकरण प्रसपा बिगाड़ने वाली है और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का मूल उददेश्य इस चुनाव में भाजपा को सत्त्ता से बेधकल करने का है.