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हिंसा भड़काने के आरोप में शिया धर्म गुरु को मिली राहत

यूपी के लखनऊ में मंगलवार को शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास को कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. मौलाना सैफ अब्बास पर राजधानी में सीएए और एनआरसी को लेकर हिंसा भड़काने का आरोप था.

शिया धर्मगुरु मौलना सैफ अब्बास
शिया धर्मगुरु मौलना सैफ अब्बास
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Published : Jan 6, 2021, 2:32 AM IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के मामले में शिया धर्मगुरु को एक और राहत मिल गई है. शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास के खिलाफ चौक थाने में दर्ज मामले में कोर्ट ने मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी है. मौलाना सैफ अब्बास पर वर्ष 2019 के दिसम्बर महीने में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा में कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं.

निजी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के एवज में 67 लाख रुपये की होनी थी रिकवरी.

हिंसा भड़काने का था आरोप
सीएए, एनआरसी के विरोध में 19 दिसम्बर 2019 को राजधानी में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी मौलाना सैफ अब्बास को कोर्ट से एक बार फिर राहत मिल गई है. 67 लाख रुपये की रिकवरी के मामले में कोर्ट से स्टे मिलने के बाद मौलाना सैफ अब्बास पर चौक थाने में दर्ज हुए मुकदमे में कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है.

शिया धर्मगरु पर दर्ज हुए थे तीन मुकदमे
हिंसा के मामले में मौलना सैफ अब्बास पर कुल तीन मुकदमे दर्ज हुए थे. साथ ही मौलाना सैफ अब्बास से सरकारी और निजी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के एवज में 67 लाख रुपये की रिकवरी होनी थी. शिया धर्मगुरु को दो मुकदमों में पहले एंटीसेपेट्री बेल मिल चुकी थी. वहीं रिकवरी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. जिसके बाद मंगलवार को एक मुकदमे में मौलाना सैफ अब्बास को कोर्ट ने एंटीसेपेट्री बेल दे दी है.

न्यायालय पर हर किसी को रखना चाहिए भरोसा
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा के सीएए, एनआरसी से जुड़े तमाम मुकदमों में कोर्ट से राहत मिल गई है. इसमें साल भर का समय लग गया. न्यायालय पर हमे पूरा विश्वास है कि फर्जी मुकदमे जल्द से जल्द खत्म हो जाएंगे क्योंकि झूठ की मौत जल्द होती है. उन्होंने कहा कि हर किसी को न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए. मुकदमा दर्ज होने और आरोप लगाने से सच नहीं छिपता.

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के मामले में शिया धर्मगुरु को एक और राहत मिल गई है. शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास के खिलाफ चौक थाने में दर्ज मामले में कोर्ट ने मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी है. मौलाना सैफ अब्बास पर वर्ष 2019 के दिसम्बर महीने में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा में कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं.

निजी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के एवज में 67 लाख रुपये की होनी थी रिकवरी.

हिंसा भड़काने का था आरोप
सीएए, एनआरसी के विरोध में 19 दिसम्बर 2019 को राजधानी में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी मौलाना सैफ अब्बास को कोर्ट से एक बार फिर राहत मिल गई है. 67 लाख रुपये की रिकवरी के मामले में कोर्ट से स्टे मिलने के बाद मौलाना सैफ अब्बास पर चौक थाने में दर्ज हुए मुकदमे में कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है.

शिया धर्मगरु पर दर्ज हुए थे तीन मुकदमे
हिंसा के मामले में मौलना सैफ अब्बास पर कुल तीन मुकदमे दर्ज हुए थे. साथ ही मौलाना सैफ अब्बास से सरकारी और निजी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के एवज में 67 लाख रुपये की रिकवरी होनी थी. शिया धर्मगुरु को दो मुकदमों में पहले एंटीसेपेट्री बेल मिल चुकी थी. वहीं रिकवरी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. जिसके बाद मंगलवार को एक मुकदमे में मौलाना सैफ अब्बास को कोर्ट ने एंटीसेपेट्री बेल दे दी है.

न्यायालय पर हर किसी को रखना चाहिए भरोसा
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा के सीएए, एनआरसी से जुड़े तमाम मुकदमों में कोर्ट से राहत मिल गई है. इसमें साल भर का समय लग गया. न्यायालय पर हमे पूरा विश्वास है कि फर्जी मुकदमे जल्द से जल्द खत्म हो जाएंगे क्योंकि झूठ की मौत जल्द होती है. उन्होंने कहा कि हर किसी को न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए. मुकदमा दर्ज होने और आरोप लगाने से सच नहीं छिपता.

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