लखनऊ: हज़रत अली की याद में 21वें रमजान पर जुलूस निकाला गया. सैकड़ों की तादाद में शिया समुदाय के लोगों ने शहर के नजफ से लेकर कर्बला तालकटोरा तक जुलूस निकाला. इस दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इस्लामी मान्यता के अनुसार 21वें रमजान के दिन ही हज़रत अली की शहादत हुई थी. उनकी याद में शिया समुदाय द्वारा ताबूत निकालकर मातम मनाया जाता है.
शनिवार को शिया समुदाय ने हज़रत अली की शहादत का जुलूस निकाला. लोगों ने हजरत अली का ताबूत अपने रिवायती अंदाज में पुराने लखनऊ के नजफ़ से निकालकर कर्बला तालकटोरा पर सम्पन्न हुआ. माहौल की संवेदनशीलता के चलते जुलूस के रास्तों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा. घरों की छतों पर भी पुलिस के जवानों का पहरा बना रहा. वहीं, संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से नजर रखी गई. इस दौरान जिला प्रशासन के कई अधिकारियों ने खुद मौके पर मौजूद रहकर जुलूस पर निगरानी रखी.
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21वें रमज़ान को फज्र की नमाज़ अदा की गई. वहीं, जुलूस में शामिल होने दूर-दूर से लोग नज़फ आए. लोगों ने हज़रत अली को याद कर उन्हें नमन किया. मान्यता है कि 19वें रमजान को हजरत अली को नमाज की हालत में एक शख्स ने तलवार से मारकर घायल कर दिया था. उसके दो दिन बाद यानी 21वें रमजान को हजरत अली शहीद हो गए. शिया समुदाय हजरत अली को याद करते हुए जुलूस निकालता है.
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