लखनऊ: समाजवाद पर निशाना साधने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोमवार को समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में घेरा. विधान परिषद की अवहेलना का मामला उठाते हुए सपा सदस्य शत रुद्र प्रकाश ने पीठ से व्यवस्था की मांग की तो सभापति को भी अपना निर्णय सुरक्षित करने के लिए विवश होना पड़ा. जानकारों का कहना है कि इस मामले में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुद विधान परिषद में उपस्थित होकर अपनी सफाई देनी पड़ सकती है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों विधानसभा में बजट भाषण पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी को निशाने पर लिया था और समाजवाद को गैरजरूरी करार दिया था. उनके इस हमले से समाजवादी पार्टी खेमे में तिलमिलाहट देखने को मिली थी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. वहीं सोमवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को मुख्यमंत्री पर हमलावर होने का मौका शत रुद्र प्रकाश ने दिलाया.
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शून्यकाल में उन्होंने सभापति को सूचना दी कि सदन के नियमों का पालन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से नहीं किया जा रहा है, ऐसे में मंत्रीगण सदन को कितनी गंभीरता से लेंगे. उन्होंने सदन को याद दिलाया कि जब भी कोई सदस्य की ओर से प्रश्न मुख्यमंत्री या मंत्री से पूछा जाता है तो उसका उत्तर सदन समाप्त होने के 1 महीने के अंदर प्राप्त हो जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो उस प्रश्न को अनुत्तरित समझने का नियम है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछे गए अपने दो प्रश्नों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा इन प्रश्नों का जवाब उन्हें साढ़े 6 महीने और साढ़े 11 महीने के अंतराल पर प्राप्त हुआ, जो साफ दर्शाता है कि मुख्यमंत्री के स्तर से सदन की अवहेलना की जा रही है. यह सदन की अवमानना का प्रश्न है. वहीं इस पर सभापति ने तत्काल व्यवस्था देने के बजाय निर्णय सुरक्षित कर लिया है.