लखनऊः चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश की बिगड़ती स्थिति और संविधान विरोधी कामों को लेकर अफसरशाहों ने पत्र लिखा है. गौर करने वाली बात ये हैं कि एक मुख्यमंत्री को पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर जैसे स्तरीय लोगों को पत्र लिखकर उन्हें संविधान की मर्यादाओं को याद दिलाना पड़ा हो. सरकार के लिए यह शर्मनाक स्थिति है.
शाहनवाज आलम ने सेवानिवृत्त अफसरशाहों द्वारा अंतर्धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों के बजरंग दल और पुलिस की मिलीभगत से किए जा रहे उत्पीड़न में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मौजूदा अफसरशाहों को भी प्रदेश सरकर के संविधान विरोधी कानूनों के खिलाफ मुखर होना चाहिए. क्योंकि वे किसी सरकार की विचारधारा नहीं बल्कि संविधान के प्रति जवाबदेह हैं.