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प्रस्तावना में समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ने के लिए देश इंदिरा गांधी का ऋणी है : शाहनवाज आलम - कांग्रेस का स्पीकअप कैंपेन

अल्पसंख्यक कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने स्पीकअप कैंपेन की 28वीं कड़ी में कहा कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में 42वां संशोधन करके समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा था, जो 3 जनवरी 1977 से अमल में आया. उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान से इन शब्दों को हटाने की कोशिश कर रही है.

शाहनवाज आलम
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Published : Jan 2, 2022, 7:46 PM IST

लखनऊ: अल्पसंख्यक कांग्रेस नेता स्पीकअप कैंपेन में फेसबुक लाइव के जरिये हर रविवार को विचार व्यक्त करते हैं. आज यानि रविवार को स्पीकअप कैंपेन की 28वीं कड़ी में अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में 42वां संशोधन करके समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा था, जो 3 जनवरी 1977 से अमल में आया. उन्होंने कहा आज वंचित तबकों और अल्पसंख्यक वर्गों को जो भी अधिकार हासिल हैं वो इंदिरा गांधी के इसी कदम की देन है. आज भाजपा संविधान से इन्हीं शब्दों को हटाने की कोशिश कर रही है लेकिन, कांग्रेस इस साजिश को कभी सफल नहीं होने देगी.

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि पूंजीपतियों, सामंती और सांप्रदायिक शक्तियों की मंशा को भांपकर ही देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में यह शब्द जोड़े थे, जिसे संसद भी बदल नहीं सकती. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केशवानंद भारती केस और एसआर बोम्मई केस में स्पष्ट कर दिया है कि संविधान की प्रस्तावना में भारतीय लोकतंत्र के मूल तत्व निहित हैं, जिसे किसी भी स्थिति में बदला नहीं जा सकता.

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस ने चिट फंड कंपनियों के बहाने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा...

शाहनवाज आलम ने कहा आज पूरा देश इंदिरा गांधी के इस योगदान का ऋणी है. संविधान में सेकुलर और समाजवाद शब्द जोड़े जाने की 44वीं वर्षगांठ पर अल्पसंख्यक कांग्रेस अल्पसंख्यक बहुल मोहल्लों विशेष तौर से मदरसों में युवाओं को इंदिरा गांधी के इस महान योगदान के बारे में जानकारी देगी. लोगों से संविधान की प्रस्तावना का सस्वर पाठ कर संविधान को बचाने का संकल्प दिलवाएगी.

लखनऊ: अल्पसंख्यक कांग्रेस नेता स्पीकअप कैंपेन में फेसबुक लाइव के जरिये हर रविवार को विचार व्यक्त करते हैं. आज यानि रविवार को स्पीकअप कैंपेन की 28वीं कड़ी में अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में 42वां संशोधन करके समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा था, जो 3 जनवरी 1977 से अमल में आया. उन्होंने कहा आज वंचित तबकों और अल्पसंख्यक वर्गों को जो भी अधिकार हासिल हैं वो इंदिरा गांधी के इसी कदम की देन है. आज भाजपा संविधान से इन्हीं शब्दों को हटाने की कोशिश कर रही है लेकिन, कांग्रेस इस साजिश को कभी सफल नहीं होने देगी.

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि पूंजीपतियों, सामंती और सांप्रदायिक शक्तियों की मंशा को भांपकर ही देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान की प्रस्तावना में यह शब्द जोड़े थे, जिसे संसद भी बदल नहीं सकती. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केशवानंद भारती केस और एसआर बोम्मई केस में स्पष्ट कर दिया है कि संविधान की प्रस्तावना में भारतीय लोकतंत्र के मूल तत्व निहित हैं, जिसे किसी भी स्थिति में बदला नहीं जा सकता.

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शाहनवाज आलम ने कहा आज पूरा देश इंदिरा गांधी के इस योगदान का ऋणी है. संविधान में सेकुलर और समाजवाद शब्द जोड़े जाने की 44वीं वर्षगांठ पर अल्पसंख्यक कांग्रेस अल्पसंख्यक बहुल मोहल्लों विशेष तौर से मदरसों में युवाओं को इंदिरा गांधी के इस महान योगदान के बारे में जानकारी देगी. लोगों से संविधान की प्रस्तावना का सस्वर पाठ कर संविधान को बचाने का संकल्प दिलवाएगी.

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