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UP के हर जिले में खुलेगा यातायात थाना, एडीजी के सुझाव पर चेयरमैन ने भरी हामी - TRAFFIC POLICE STATION IN UP

सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की लखनऊ में हुई बैठक में दिया गया सुझाव

UP के हर जिले में खुलेगा यातायात थाना.
UP के हर जिले में खुलेगा यातायात थाना. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2025, 12:10 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए हर जिले में यातायात थाने खोले जाएंगे. ऐसा सुझाव अपर पुलिस महानिदेशक ने सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के अध्यक्ष को दिया है. कहा कि अगर हर जिले में यातायात थाने खुलेंगे तो फिर कार्रवाई बेहतर हो सकेगी और ट्रैफिक के साथ ही सड़क सुरक्षा के कामों को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा. इसके बाद कमेटी के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने भी इस सुझाव को बेहतर माना है.

बैठक में कार्यों की समीक्षा: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की लखनऊ में बड़ी बैठक हुई थी, जिसमें कमेटी के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अब तक रोड सेफ्टी के लिए विभिन्न विभागों की तरफ से किए जा रहे कार्यों की गंभीरता से समीक्षा की. तमाम सुझाव अध्यक्ष ने विभागीय अफसरों को दिए. इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से भी सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं, इस पर सुझाव मांगे. अपर पुलिस महानिदेशक के. सत्यनारायण ने अन्य राज्यों की तरह प्रत्येक जनपद में यातायात व सड़क दुर्घटना से संबंधित विशिष्ट कार्यों के लिए यातायात थाना बनाए जाने का सुझाव दिया. इस पर अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने आवश्यक कार्रवाई सम्पादित किए जाने के निर्देश दिए.

ये दिए गए निर्देश: इस दौरान अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने सड़क से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कहा कि सभी सड़क स्वामित्व वाले विभागों को अपने अधीन चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स पर समय से सुधार की कार्रवाई पूरी की जाए. चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना की पुनरावृत्ति होने की संभावना खत्म की जाए. सड़क स्वामित्व वाले विभाग अपने अधीन मार्गों का नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करें. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार सुधारात्मक कार्रवाई हो. सड़क सुरक्षा के प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई के लिए आवश्यक उपकरणों इण्टरसेप्टर, ब्रेथ एनालाइजर की खरीद की जाए.

स्पीड लिमिरली सॉफ्टवेयर अनिवार्य करने का सुझाव: प्रमुख सचिव चिकित्सा ने वाहन विनिर्माताओं के स्तर पर निर्मित किए जा रहे वाहनों में मार्ग के लिए निर्धारित गति सीमा से अधिक स्पीड की रोकथाम के लिए स्पीड लिमिट डिवाइस/सॉफ्टवेयर को अनिवार्य किए जाने के सुझाव के संबंध में अध्यक्ष ने मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज को इसके लिए निर्देशित किया.

विश्वकर्मा ऐप से जुड़ेंगे पुलिस अधिकारी: इसके साथ ही विश्वकर्मा ऐप से मुख्यालय के पुलिस अधिकारियों के साथ ही जनपद के पुलिस अधिकारियों को जोड़ा जाएगा, जिससे ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित किया जाएगा. जल्द से जल्द संबंधित विभाग उन ब्लैक स्पॉट्स को भरेगा, जिससे सड़क दुर्घटना न होने पाए.

सुझावों पर होगा काम: सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमैन अभय मनोहर सप्रे ने बताया कि सड़क सुरक्षा से जुड़े कई स्टेक होल्डर्स की तरफ से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कई तरह के सुझाव दिए गए हैं. इनमें अन्य राज्यों की तरह जिलों में यातायात थाना खोलने का भी सुझाव आया है. पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा विषय को शामिल करने का सुझाव है. कई तरह के अन्य सुझाव भी आए हैं, जिन पर तेजी से काम किया जाएगा, जिससे यूपी में सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके.

यह भी पढ़ें : यूपी की महिलाओं को 'पिंक रोजगार मेला' में मिलेगा जॉब ऑफर; जानें कितनी सैलरी देंगी कंपनियां - PINK ROJGAR MELA UP

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए हर जिले में यातायात थाने खोले जाएंगे. ऐसा सुझाव अपर पुलिस महानिदेशक ने सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के अध्यक्ष को दिया है. कहा कि अगर हर जिले में यातायात थाने खुलेंगे तो फिर कार्रवाई बेहतर हो सकेगी और ट्रैफिक के साथ ही सड़क सुरक्षा के कामों को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा. इसके बाद कमेटी के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने भी इस सुझाव को बेहतर माना है.

बैठक में कार्यों की समीक्षा: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की लखनऊ में बड़ी बैठक हुई थी, जिसमें कमेटी के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अब तक रोड सेफ्टी के लिए विभिन्न विभागों की तरफ से किए जा रहे कार्यों की गंभीरता से समीक्षा की. तमाम सुझाव अध्यक्ष ने विभागीय अफसरों को दिए. इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से भी सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं, इस पर सुझाव मांगे. अपर पुलिस महानिदेशक के. सत्यनारायण ने अन्य राज्यों की तरह प्रत्येक जनपद में यातायात व सड़क दुर्घटना से संबंधित विशिष्ट कार्यों के लिए यातायात थाना बनाए जाने का सुझाव दिया. इस पर अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने आवश्यक कार्रवाई सम्पादित किए जाने के निर्देश दिए.

ये दिए गए निर्देश: इस दौरान अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे ने सड़क से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कहा कि सभी सड़क स्वामित्व वाले विभागों को अपने अधीन चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स पर समय से सुधार की कार्रवाई पूरी की जाए. चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना की पुनरावृत्ति होने की संभावना खत्म की जाए. सड़क स्वामित्व वाले विभाग अपने अधीन मार्गों का नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करें. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार सुधारात्मक कार्रवाई हो. सड़क सुरक्षा के प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई के लिए आवश्यक उपकरणों इण्टरसेप्टर, ब्रेथ एनालाइजर की खरीद की जाए.

स्पीड लिमिरली सॉफ्टवेयर अनिवार्य करने का सुझाव: प्रमुख सचिव चिकित्सा ने वाहन विनिर्माताओं के स्तर पर निर्मित किए जा रहे वाहनों में मार्ग के लिए निर्धारित गति सीमा से अधिक स्पीड की रोकथाम के लिए स्पीड लिमिट डिवाइस/सॉफ्टवेयर को अनिवार्य किए जाने के सुझाव के संबंध में अध्यक्ष ने मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज को इसके लिए निर्देशित किया.

विश्वकर्मा ऐप से जुड़ेंगे पुलिस अधिकारी: इसके साथ ही विश्वकर्मा ऐप से मुख्यालय के पुलिस अधिकारियों के साथ ही जनपद के पुलिस अधिकारियों को जोड़ा जाएगा, जिससे ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित किया जाएगा. जल्द से जल्द संबंधित विभाग उन ब्लैक स्पॉट्स को भरेगा, जिससे सड़क दुर्घटना न होने पाए.

सुझावों पर होगा काम: सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमैन अभय मनोहर सप्रे ने बताया कि सड़क सुरक्षा से जुड़े कई स्टेक होल्डर्स की तरफ से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कई तरह के सुझाव दिए गए हैं. इनमें अन्य राज्यों की तरह जिलों में यातायात थाना खोलने का भी सुझाव आया है. पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा विषय को शामिल करने का सुझाव है. कई तरह के अन्य सुझाव भी आए हैं, जिन पर तेजी से काम किया जाएगा, जिससे यूपी में सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके.

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