लखनऊः उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने रविवार को ईसाई समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ वर्चुअल मीटिंग की. मीटिंग में ईसाई समाज के बीच कांग्रेस को और ज्यादा मजबूत करने पर रणनीति बनी. वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि कांग्रेस ही देश में अमन और विकास का माहौल बना सकती है, जिसमें सभी समुदायों के लोग समन्वय से रह सकते हैं. ईसाई समाज ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो काम किया है, वैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है.
जातिगत वोटर की नाराजगी से डरती है सपा, बसपा
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आते ही ईसाइयों पर हमले बढ़ जाते हैं. जिस पर सपा और बसपा कभी आवाज नहीं उठाती. झांसी में चलती ट्रेन में ईसाई ननों के साथ भाजपा से जुड़े गुंडों की बदसलूकी पर सिर्फ प्रियंका गांधी और कांग्रेस ने ही आवाज उठाई. शाहनवाज आलम ने कहा कि सपा इसलिए ईसाइयों के खिलाफ हिंसा पर चुप रहती है क्योंकि उसका अपना जातिगत जनाधार घोर अल्पसंख्यक विरोधी है. जिन गावों में लोग यीशु मसीह से प्रभावित होकर अपनी मर्ज़ी से ईसाई बन जाते हैं, उन्हें ये संप्रदायिक तत्व गांवों में सम्मान से रहने तक नहीं देते. आगरा, जौनपुर, इलाहाबाद और शाहजहांपुर में हाल के दिनों में हुई ईसाई विरोधी हिंसा पर सपा और बसपा ने इसी वजह से चुप्पी साधे रखी कि कहीं इससे उनका अपना जातिगत वोटर नाराज़ न हो जाए.
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यूपी, उत्तराखंड के ईसाई समाज के लोग जुड़े
मीटिंग में महासचिव व कार्यालय प्रभारी शाहनवाज़ खान, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. श्रेया धीमान चौधरी, संजय जैक्सन (मेरठ), रोडनी पैट्रिक (लखनऊ), सुशील प्रेम मसीह (बरेली), लीना कुमार (अलीगढ़), दिनेश स्टेनली पॉल (मेरठ), एडवोकेट सुशील डैनियल (गाजियाबाद), पास्टर आदित्य (गाजियाबाद), एडवोकेट जॉर्ज थॉमस, एडवोकेट रविंद्र पॉल, अरुण ढाली (लखनऊ), पास्टर रितेश जोशुआ (गोरखपुर), पास्टर जॉन वेस्ले (देहरादून), जतिन जोसेफ (मेरठ), अमित उठवाल (संभल), सुमन दास और अब्राहम वॉल्टर सोलोमन (मेरठ) मौजूद रहे.