लखनऊ: शनिवार को यूपी विधानसभा सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने विधानसभा में प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, एसजीपीजीआई के डॉक्टर्स व स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कटघरे में खड़ा किया था.
एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा कि जब वह कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित होने के बाद एसजीपीजीआई में एडमिट थे, तब उनके पास के वार्ड में उत्तर प्रदेश सरकार के दिवंगत कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह चौहान भी एडमिट थे. तब एसजीपीजीआई के डॉक्टर्स व स्टाफ ने दिवंगत मंत्री के साथ काफी अभद्र व्यवहार किया था.
'कई बड़े नेता ठीक होकर वापस गए'
इस पूरे मुद्दे पर एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमन ने बताया कि ऐसी कोई भी शिकायत व सूचना अब तक उन्हें नहीं मिली है कि किसी स्टाफ के द्वारा किसी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया हो. डायरेक्टर ने सपा नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी का प्रशंसा लेटर दिखाते हुए बताया कि नेता प्रतिपक्ष जब एसजीपीजीआई से डिस्चार्ज हुए तो उन्होंने एसजीपीजीआई के स्टाफ व डॉक्टर्स की तारीफ करते हुए यह लेटर हमें लिखा है.
'लिखित शिकायत मिलने पर होगी जांच'
डायरेक्टर ने बताया कि एसजीपीजीआई के कोविड-19 हॉस्पिटल में बहुत से वीवीआईपी व प्रशासनिक अधिकारियों का इलाज किया गया और वह ठीक होकर अपने घर भी चले गए हैं. प्रोफेसर आरके धीमन का कहना है कि जब तक हमें कोई लिखित शिकायत नहीं मिलेगी. हम तब तक कार्रवाई कैसे कर सकते हैं, लेकिन फिर भी मेरे द्वारा इसकी पड़ताल की जाएगी और अगर ऐसा है तो उसे सुधारा जाएगा.