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पाठ्यक्रम में शामिल होगा कोविड-19! SGPGI ने दी सलाह - एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमान

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित एसजीपीजीआई ने सरकार को कोविड-19 संक्रमण को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सलाह दी है. इसे प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा में शामिल किया जा सकता है.

एसजीपीजीआई.
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Published : Jun 10, 2021, 6:08 AM IST

लखनऊ: एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) की सलाह यदि सरकार ने मान ली तो कोविड-19 जल्द ही पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है. एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमान की अध्यक्षता में बनाई गई 14 सदस्य समिति ने कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सलाह राज्य सरकार को दी है. इसे प्राथमिकता से लेकर उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा में शामिल किया जा सकता है. सरकार फिलहाल इस पर विचार कर रही है.

मुख्यमंत्री ने बनाई थी कमेटी
कोविड-19 के इलाज, इस पर जागरूकता और शोध की संभावनाओं की तलाश के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमान के अध्यक्षता में एक 14 सदस्यीय कमेटी बनाई थी. एसजीपीजीआई के निदेशक ने इसमें 12-13 अन्य लोगों को भी शामिल किया था. अब इस कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजी है, जिसमें कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सलाह दी गई है. अभी यह तय नहीं हो सका है कि इसे मेडिकल शिक्षा तक सीमित रखा जाएगा या फिर प्राथमिक माध्यमिक और उच्च शिक्षा में भी इसे शामिल किया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि जागरूकता के दृष्टिगत इसे प्राथमिक शिक्षा से ही शुरू किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें:- आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल एवं टाॅयलेट की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं: मुख्य सचिव

मुख्यमंत्री की मंजूरी का है इंतजार
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर राधाकृष्ण धीमान ने बताया कि कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दी है. स्वीकृति मिलते ही सबसे पहले इसे मेडिकल शिक्षा में शामिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए जो संभावनाएं जताई जा रही हैं, उसके लिए बच्चों को जागरूक करना बेहद जरूरी है. संभावना है कि प्राथमिक शिक्षा में भी सरकार इसे स्थान देगी.

लखनऊ: एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) की सलाह यदि सरकार ने मान ली तो कोविड-19 जल्द ही पाठ्यक्रम में शामिल हो सकता है. एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमान की अध्यक्षता में बनाई गई 14 सदस्य समिति ने कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सलाह राज्य सरकार को दी है. इसे प्राथमिकता से लेकर उच्च शिक्षा और मेडिकल शिक्षा में शामिल किया जा सकता है. सरकार फिलहाल इस पर विचार कर रही है.

मुख्यमंत्री ने बनाई थी कमेटी
कोविड-19 के इलाज, इस पर जागरूकता और शोध की संभावनाओं की तलाश के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमान के अध्यक्षता में एक 14 सदस्यीय कमेटी बनाई थी. एसजीपीजीआई के निदेशक ने इसमें 12-13 अन्य लोगों को भी शामिल किया था. अब इस कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजी है, जिसमें कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सलाह दी गई है. अभी यह तय नहीं हो सका है कि इसे मेडिकल शिक्षा तक सीमित रखा जाएगा या फिर प्राथमिक माध्यमिक और उच्च शिक्षा में भी इसे शामिल किया जाएगा. संभावना जताई जा रही है कि जागरूकता के दृष्टिगत इसे प्राथमिक शिक्षा से ही शुरू किया जा सकता है.

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मुख्यमंत्री की मंजूरी का है इंतजार
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर राधाकृष्ण धीमान ने बताया कि कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दी है. स्वीकृति मिलते ही सबसे पहले इसे मेडिकल शिक्षा में शामिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए जो संभावनाएं जताई जा रही हैं, उसके लिए बच्चों को जागरूक करना बेहद जरूरी है. संभावना है कि प्राथमिक शिक्षा में भी सरकार इसे स्थान देगी.

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