लखनऊ : राजधानी में एक युवती (Sextortion gang) ने पहले अश्लील वीडियो कॉल कर युवक को जाल में फंसाया गया, फिर साइबर अधिकारी, आईपीएस अधिकारी व यू-ट्यूबर बन जालसाजों ने 4.07 लाख रुपये ऐंठ लिए. जालसाजों ने पीड़ित युवक को कभी वीडियो वायरल करने की धमकी दी तो कभी आईपीएस बन केस खत्म कराने के नाम पर 10 लाख की मांग की. इंस्पेक्टर गोमतीनगर विस्तार विनय कुमार चतुर्वेदी के मुताबिक, एफआईआर दर्ज कर साइबर क्राइम सेल की मदद से जांच की जा रही है.
गोमतीनगर विस्तार के शारदा अपार्टमेंट में रहने वाले युवक के मुताबिक, 2 जनवरी की रात व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई. पीड़ित ने कॉल रिसीव की तो महज दस सेकेंड कॉल चलने के बाद कट गई. दो दिन बाद उसके पास कॉल व मैसेज आया कि दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच से आईपीएस अजय कुमार बोल रहा हूं. आपका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो आपत्तिजनक है. पीड़ित को एक नम्बर दिया जाता है और उस नंबर पर कॉल कर वीडियो ब्लॉक कराने की सलाह दी जाती है. पीड़ित ने दिए गए नम्बर पर कॉल कर वीडियो ब्लॉक करने का अनुरोध किया. फोन के पीछे मौजूद जालसाज ने कहा कि 'आपके तीन वीडियो हैं, लिहाजा 57,200 रुपये प्रति वीडियो के हिसाब से रुपये जमा कर दीजिए. यदि ऐसा नहीं करते हैं तो वीडियो यू-ट्यूब पर वायरल कर दिया जाएगा. बदनामी से बचने के लिए पीड़ित ने दिए गए खाते में तीन बार में 1,72,200 रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद यू-ट्यूबर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से वीडियो हटाने के एवज में 2.35 लाख रुपये जमा करा लिए.
पीड़ित के मुताबिक, इन सब के बाद एक बार आईपीएस बनकर जालसाज ने कॉल की और केस खत्म कराने के लिए 10 लाख की मांग की. 4.07 लाख देने के बाद इतनी बड़ी रकम सुनकर पीड़ित डर गया और घरवालों को आपबीती बता दी. तब उन्हें बताया गया कि 'वह सेक्सटॉर्शन का शिकार हुए हैं. जालसाजों ने आईपीएस, साइबर अधिकारी व यू-ट्यूबर बनकर ठगी की. पीड़ित ने मामले की शिकायत गोमतीनगर विस्तार थाने में की. पुलिस ने तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी व धमकी की एफआईआर दर्ज कर ली है.