लखनऊः आबकारी विभाग ने नवंबर और दिसंबर माह में अभियान चलाकर देशी शराब की दुकानों से नमूने लिए थे. यह नमूने प्रयोगशालाओं को परीक्षण के लिए भेजे गए थे. अब इनके परिणाम सामने आए हैं तो बड़े पैमाने पर नमूने फेल हुए हैं. जांच में इनकी तीव्रता कम पाई गई है. विभाग का मानना है कि शराब में पानी की मिलावट की गई.
नमूनों में कम पाई गई तीव्रता
यहां फेल हुए नमूने केंद्रीय प्रयोगशाला प्रयागराज में विश्लेषण के लिए 2472 नमूने भेजे गए थे. इनमें से 114 नमूनों में तीव्रता कम पाई गई. क्षेत्रीय प्रयोगशाला लखनऊ में 5160 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे. जिसमें से 622 नमूनों में तीव्रता कम पाई गई. इसी तरह क्षेत्रीय प्रयोगशाला मेरठ में 4599 नमूनों में 202 नमूने में तीव्रता कम पाई गई. क्षेत्रीय प्रयोगशाला गोरखपुर में 4492 सैंपल्स जांच के लिए भेजे गए. जिसमें से 65 सैंपल मैं तीव्रता कम पाई गई.
लाइसेंसी के साथ-साथ डिस्टलरी पर भी गिरेगी गाज
आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि संबंधित जिलों के अपर आयुक्त और उप आबकारी आयुक्त वितरण से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही निर्देशित किया गया है कि नमूनों में विश्लेषण के पश्चात तीव्रता कम पाई गई है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें. उन्होंने बताया कि अंग्रेजी शराब की दुकानों से भी नमूने लिए गए हैं. जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशालाओं को भेजा गया है. अभी उनके परिणाम आने शेष हैं.
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