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LU में मारपीट के मामले में सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा और पूर्व अध्यक्ष समेत 7 आरोपी बरी - सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा

37 साल पहले एलयू में हुए मारपीट के मामले में कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा (SP MLA Ravidas Mehrotra), पूर्व अध्यक्ष समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया है.

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एमपी एमएलए कोर्ट
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Published : Sep 23, 2022, 10:40 PM IST

लखनऊ: एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने मारपीट और सम्पति को नुकसान पहुंचाने के मामले में सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा (SP MLA Ravidas Mehrotra) और लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष राकेश सिंह राना समेत सात मुल्जिमों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. थाना हसनगंज से संबधित यह मामला 37 साल पुराना है.

उन्होंने आदेश में कहा है कि मुल्जिमों पर लगाए गए आरोपों को अभियोजन पक्ष साबित नहीं कर सका है. लिहाजा मुल्जिम रविदास मेहरोत्रा, राकेश सिंह राना, प्रमोद कुमार सिंह, संजय कुमार, उदय राज यादव, राजेश वर्मा व सुरेश पाल सिंह को दोषमुक्त किया जाता है.

22 सितंबर, 1985 को इस मामले की एफआईआर चंद्र प्रकाश शर्मा ने दर्ज कराई थी. विवेचना के पश्चात मुल्जिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 342, 188, 323, 452, 506 व 7 सीएलए एक्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ था. बचाव पक्ष की ओर से वकील सूर्यमणि यादव ने बहस की.

यह भी पढ़ें: HC का आदेश, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से नहीं कर सकते अतिरिक्त भुगतान की वसूली

लखनऊ: एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने मारपीट और सम्पति को नुकसान पहुंचाने के मामले में सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा (SP MLA Ravidas Mehrotra) और लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष राकेश सिंह राना समेत सात मुल्जिमों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. थाना हसनगंज से संबधित यह मामला 37 साल पुराना है.

उन्होंने आदेश में कहा है कि मुल्जिमों पर लगाए गए आरोपों को अभियोजन पक्ष साबित नहीं कर सका है. लिहाजा मुल्जिम रविदास मेहरोत्रा, राकेश सिंह राना, प्रमोद कुमार सिंह, संजय कुमार, उदय राज यादव, राजेश वर्मा व सुरेश पाल सिंह को दोषमुक्त किया जाता है.

22 सितंबर, 1985 को इस मामले की एफआईआर चंद्र प्रकाश शर्मा ने दर्ज कराई थी. विवेचना के पश्चात मुल्जिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 342, 188, 323, 452, 506 व 7 सीएलए एक्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ था. बचाव पक्ष की ओर से वकील सूर्यमणि यादव ने बहस की.

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