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'सेवा मित्र' बनेगा बेरोजगार हुनरमंदों का सहारा, जानें इसके फायदे

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी के चलते अन्य प्रदेशों से पहुंचे प्रवासी बेरोजगारों के साथ-साथ अन्य पढ़े-लिखे प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 'सेवा मित्र' ऐप लांच करने जा रही है. इसके माध्यम से बेरोजगार युवा इस ऐप पर आवेदन कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.

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Published : Jun 19, 2021, 9:00 AM IST

Updated : Jun 19, 2021, 12:58 PM IST

सेवा मित्र ऐप से युवाओं को मिलेगा रोजगार
सेवा मित्र ऐप से युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) में परदेश छोड़कर अपने घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को काम की कमी नहीं होगी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर कुशल श्रमिक को काम दिलाने की कोशिश में जुटी हुई है. साथ ही साथ अन्य पढ़े-लिखे प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी योगी सरकार रोजगार देगी. इसके लिए जल्द 'सेवा मित्र' मोबाइल ऐप (seva mitra app) लांच करने की तैयारी है. इस ऐप की मदद से कोई भी व्यक्ति बढ़ई, बिजली मिस्त्री, प्लंबर व पुताई इत्यादि का कार्य करने वाले को जरूरत के अनुसार काम पर बुला सकता है. इसमें हर जिले के क्षेत्रवार कुशल श्रमिकों का ब्योरा उपलब्ध होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द इस मोबाइल ऐप को लांच करेंगे.

जानकारी देते कौशल विकास मिशन के निदेशक कुणाल सिल्कू.

उत्तर प्रदेश सेवायोजन विभाग एवं कौशल विकास मिशन (uttar pradesh kaushal vikas mission) के निदेशक कुणाल सिल्कू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह योजना एक महीने पर धरातल पर जाएगी. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस योजना के माध्यम से ऐसे हुनरमंद, जिनको सर्टिफिकेट मिला हुआ है चाहे वो आईटीआई संस्थानों से पास युवा हों या कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त हुनरमंद, उनको कंपनियों के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा. इससे प्रदेश में पांच लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने बताया कि 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से मिलने वाला रोजगार अस्थाई नहीं बल्कि स्थाई प्रकृति का होगा. हुनरमंद युवाओ को कंपनियां सैलरी पर रखेंगी. वहीं इससे लोगों को भी काफी फायदा होगा, क्योंकि वह घर बैठे अपनी जरूरत के मुताबिक हुनरमंदों का उपयोग कर सकेंगे.

अब प्रदेश में 'सेवा मित्र' से मिलेगा हुनरमंद युवाओं को रोजगार
बता दें उत्तर प्रदेश में बढ़ती आबादी के साथ-साथ लोगों को प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक की जरूरतें भी बढ़ रही हैं. ऐसे में प्रदेश के हुनरमंद युवाओं को सेवायोजन विभाग द्वारा बनाए गए 'सेवा मित्र' ऐप (seva mitra app) के माध्यम से एक अवसर मिलेगा और उन्हें एक नियमित रोजगार भी मिलेगा. अगर किसी भी व्यक्ति को अपने घर में प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन या किसी मैकेनिक की जरूरत हो तो वह इस ऐप पर जिला और अपने ब्लॉक सहित पता दर्ज कराएगा, जिसके बाद उसे रजिस्टर्ड हुनरमंद की सूची मिल जाएगी. वहीं वह चयनित कंपनियों के माध्यम से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता है. इस ऐप पर 61 प्रकार की सर्विस को रखा गया है, जिससे लाखों की संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

कैसे मिलेगा 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से रोजगार
पूरे प्रदेश में ऐसे हुनरमंद युवाओं को, जिनको किसी संस्थान या कौशल विकास के माध्यम से सर्टिफिकेट प्राप्त है, लेकिन उनके पास रोजगार नहीं है. ऐसे में अब विभाग के द्वारा ऐसे युवाओं को हर जनपद में कंपनियों के माध्यम से रोजगार के अवसर मिलेंगे. किसी व्यक्ति को अपने घर पर या कारखाने में किसी मैकेनिक की जरूरत होगी तो वह 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से अपनी जरूरत के मुताबिक सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी से संपर्क कर सकता है साथ ही ऐप के माध्यम से ही काम का भुगतान भी कर सकता है. सेवायोजन विभाग एवं कौशल विकास मिशन के निदेशक कुणाल सिल्कू ने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना से प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. सेवायोजन विभाग ने यह शर्त भी रखी है कि इसमें युवाओं को सैलरी पर रखा जाएगा और उनका पीएफ भी कंपनी मानक के अनुरूप कटेगा.

इसे भी पढ़ें:- PM आवास योजना: लाइट हाउस प्रोजेक्ट में अब 15 जुलाई तक होगा ऑनलाइन आवेदन

कोरोना से बढ़ा है बेरोजगारी का प्रतिशत
पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते साल 2020 में जहां बड़े पैमाने पर रोजगार देने वाले औद्योगिक उद्योग-धंधे प्रभावित हुए तो वहीं साल 2021 में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते भी औद्योगिक कारखानों के प्रभावित होने से रोजगार के अवसरों में बड़ी कमी आई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का प्रतिशत 6.9 फीसदी दर्ज किया गया है, जो कि मार्च 2017 के मुकाबले तीन गुना कम है. उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार मार्च 2017 में आई थी तो उस समय बेरोजगारी की दर 17.50 फीसदी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले यूपी आगे है. वहीं दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि पिछले चार सालों में चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं. सीएमआईआई की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खराब स्थिति दिल्ली की है, जहां बेरोजगारी दर 45.6% दर्ज की गई है.

रोजगार मेले के माध्यम से 4 सालों में खूब मिला रोजगार
उत्तर प्रदेश में सेवायोजन विभाग रोजगार मेले के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है. इस मेले में विभिन्न कंपनियों आती हैं और अपनी जरूरत के मुताबिक चयनित युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती हैं. प्रदेश सरकार के चार सालों के कार्यकाल में 2,791 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया. 'मिशन रोजगार' के तहत 37 लाख 84 हजार 255 पंजीकृत बेरोजगारों में से 4 लाख 13 हजार 578 युवाओं को विभिन्न कंपनियों के माध्यम से नौकरियां मिलीं, जो सेवायोजन विभाग की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.

ITI प्रशिक्षण प्राप्त 10 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश के सेवायोजन विभाग की 'सेवा मित्र योजना' (seva mitra app) के माध्यम से सबसे ज्यादा फायदा आईटीआई पास हुनरमंद युवाओं को मिलेगा. हर साल पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी 305 और निजी आईटीआई 476 संस्थानों से तीन लाख से ज्यादा युवा प्रशिक्षण प्राप्त करके बाहर आते हैं. फिर ये हुनरमंद युवा कारखानों और निजी संस्थानों में रोजगार के लिए भटकते हैं. ऐसे में अब 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से उनका रजिस्ट्रेशन होगा और उन्हें नौकरी के लिए नहीं भटकना होगा. कंपनियों के माध्यम से उनको रोजगार मिलेगा.

लखनऊ: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) में परदेश छोड़कर अपने घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को काम की कमी नहीं होगी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर कुशल श्रमिक को काम दिलाने की कोशिश में जुटी हुई है. साथ ही साथ अन्य पढ़े-लिखे प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी योगी सरकार रोजगार देगी. इसके लिए जल्द 'सेवा मित्र' मोबाइल ऐप (seva mitra app) लांच करने की तैयारी है. इस ऐप की मदद से कोई भी व्यक्ति बढ़ई, बिजली मिस्त्री, प्लंबर व पुताई इत्यादि का कार्य करने वाले को जरूरत के अनुसार काम पर बुला सकता है. इसमें हर जिले के क्षेत्रवार कुशल श्रमिकों का ब्योरा उपलब्ध होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द इस मोबाइल ऐप को लांच करेंगे.

जानकारी देते कौशल विकास मिशन के निदेशक कुणाल सिल्कू.

उत्तर प्रदेश सेवायोजन विभाग एवं कौशल विकास मिशन (uttar pradesh kaushal vikas mission) के निदेशक कुणाल सिल्कू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यह योजना एक महीने पर धरातल पर जाएगी. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस योजना के माध्यम से ऐसे हुनरमंद, जिनको सर्टिफिकेट मिला हुआ है चाहे वो आईटीआई संस्थानों से पास युवा हों या कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त हुनरमंद, उनको कंपनियों के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा. इससे प्रदेश में पांच लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने बताया कि 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से मिलने वाला रोजगार अस्थाई नहीं बल्कि स्थाई प्रकृति का होगा. हुनरमंद युवाओ को कंपनियां सैलरी पर रखेंगी. वहीं इससे लोगों को भी काफी फायदा होगा, क्योंकि वह घर बैठे अपनी जरूरत के मुताबिक हुनरमंदों का उपयोग कर सकेंगे.

अब प्रदेश में 'सेवा मित्र' से मिलेगा हुनरमंद युवाओं को रोजगार
बता दें उत्तर प्रदेश में बढ़ती आबादी के साथ-साथ लोगों को प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक की जरूरतें भी बढ़ रही हैं. ऐसे में प्रदेश के हुनरमंद युवाओं को सेवायोजन विभाग द्वारा बनाए गए 'सेवा मित्र' ऐप (seva mitra app) के माध्यम से एक अवसर मिलेगा और उन्हें एक नियमित रोजगार भी मिलेगा. अगर किसी भी व्यक्ति को अपने घर में प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन या किसी मैकेनिक की जरूरत हो तो वह इस ऐप पर जिला और अपने ब्लॉक सहित पता दर्ज कराएगा, जिसके बाद उसे रजिस्टर्ड हुनरमंद की सूची मिल जाएगी. वहीं वह चयनित कंपनियों के माध्यम से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता है. इस ऐप पर 61 प्रकार की सर्विस को रखा गया है, जिससे लाखों की संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

कैसे मिलेगा 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से रोजगार
पूरे प्रदेश में ऐसे हुनरमंद युवाओं को, जिनको किसी संस्थान या कौशल विकास के माध्यम से सर्टिफिकेट प्राप्त है, लेकिन उनके पास रोजगार नहीं है. ऐसे में अब विभाग के द्वारा ऐसे युवाओं को हर जनपद में कंपनियों के माध्यम से रोजगार के अवसर मिलेंगे. किसी व्यक्ति को अपने घर पर या कारखाने में किसी मैकेनिक की जरूरत होगी तो वह 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से अपनी जरूरत के मुताबिक सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी से संपर्क कर सकता है साथ ही ऐप के माध्यम से ही काम का भुगतान भी कर सकता है. सेवायोजन विभाग एवं कौशल विकास मिशन के निदेशक कुणाल सिल्कू ने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना से प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. सेवायोजन विभाग ने यह शर्त भी रखी है कि इसमें युवाओं को सैलरी पर रखा जाएगा और उनका पीएफ भी कंपनी मानक के अनुरूप कटेगा.

इसे भी पढ़ें:- PM आवास योजना: लाइट हाउस प्रोजेक्ट में अब 15 जुलाई तक होगा ऑनलाइन आवेदन

कोरोना से बढ़ा है बेरोजगारी का प्रतिशत
पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते साल 2020 में जहां बड़े पैमाने पर रोजगार देने वाले औद्योगिक उद्योग-धंधे प्रभावित हुए तो वहीं साल 2021 में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते भी औद्योगिक कारखानों के प्रभावित होने से रोजगार के अवसरों में बड़ी कमी आई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का प्रतिशत 6.9 फीसदी दर्ज किया गया है, जो कि मार्च 2017 के मुकाबले तीन गुना कम है. उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार मार्च 2017 में आई थी तो उस समय बेरोजगारी की दर 17.50 फीसदी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले यूपी आगे है. वहीं दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि पिछले चार सालों में चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं. सीएमआईआई की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खराब स्थिति दिल्ली की है, जहां बेरोजगारी दर 45.6% दर्ज की गई है.

रोजगार मेले के माध्यम से 4 सालों में खूब मिला रोजगार
उत्तर प्रदेश में सेवायोजन विभाग रोजगार मेले के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है. इस मेले में विभिन्न कंपनियों आती हैं और अपनी जरूरत के मुताबिक चयनित युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती हैं. प्रदेश सरकार के चार सालों के कार्यकाल में 2,791 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया. 'मिशन रोजगार' के तहत 37 लाख 84 हजार 255 पंजीकृत बेरोजगारों में से 4 लाख 13 हजार 578 युवाओं को विभिन्न कंपनियों के माध्यम से नौकरियां मिलीं, जो सेवायोजन विभाग की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.

ITI प्रशिक्षण प्राप्त 10 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश के सेवायोजन विभाग की 'सेवा मित्र योजना' (seva mitra app) के माध्यम से सबसे ज्यादा फायदा आईटीआई पास हुनरमंद युवाओं को मिलेगा. हर साल पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी 305 और निजी आईटीआई 476 संस्थानों से तीन लाख से ज्यादा युवा प्रशिक्षण प्राप्त करके बाहर आते हैं. फिर ये हुनरमंद युवा कारखानों और निजी संस्थानों में रोजगार के लिए भटकते हैं. ऐसे में अब 'सेवा मित्र' ऐप के माध्यम से उनका रजिस्ट्रेशन होगा और उन्हें नौकरी के लिए नहीं भटकना होगा. कंपनियों के माध्यम से उनको रोजगार मिलेगा.

Last Updated : Jun 19, 2021, 12:58 PM IST
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