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20 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में मात्र 30 हजार सैंपल तो कैसे होगी सीरो स्टडी ?

यूपी में चार जून को देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे (Sero Survey) शुरू हुआ. आठ दिन के इस सर्वे में 65 हजार से अधिक लोगों के खून के नमूने लेने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन तय समय के कई दिन बीतने के बाद भी 50 फीसद सैम्पल ही जुटाए जा सके हैं. केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन इसके लिए बारिश को जिम्मेदार ठहराती हैं. उन्होंने कहा कि बारिश के कारण सर्वे की गति धीमी हुई है.

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Published : Jun 16, 2021, 12:30 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 6:59 PM IST

अधर में सीरो स्टडी.
अधर में सीरो स्टडी.

लखनऊ: प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से सभी लोगों में खौफ है. तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए प्रदेश में 4 जून से देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे (Sero Survey) शुरू किया गया था. आठ दिन तक चलने वाले इस सर्वे में 65 हजार से अधिक लोगों के खून के नमूने लेने का लक्ष्य तय किया गया था. तय समय के बाद भी कई दिन बीतने पर 50 फीसद ही सैम्पल जुटाए जा सके हैं. ऐसे में स्टडी फंस गई है. दरअसल, सीरो सर्वे (Sero Survey) जरिए यह पता लगाया जाना था कि कितनी फीसद आबादी संक्रमण की चपेट में आ चुकी है, ताकि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उचित प्लान बनाया जा सके.

अमित मोहन प्रसाद का दावा हुआ फेल
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने चार जून को 75 जनपदों में सीरो सर्वे शुरू होने की घोषणा की थी. उन्होंने दावा किया यह देश की सबसे बड़ी सीरो स्टडी (Sero Survey) होगी. इसके लिए 11 जून तक विभिन्न जनपदों से 65 हजार सैम्पल संग्रह किए जाएंगे. इसके बाद लैब में खून की जांच कर उनमें एंटीबॉडी का अध्ययन किया जाएगा. अध्ययन में यह पता चलेगा किस इलाके में, कितनी आबादी संक्रमित हो चुकी है और उनमें एन्टीबॉडी बन चुकी है या नहीं. जिन इलाकों के लोगों में एंटीबॉडी में कमी पाई जाएगी वहां संक्रमण का खतरा अधिक रहेगा. ऐसे में उस जनपद में वैक्सीनेशन कराकर कोरोना के खतरे को टाला जा सकेगा.

केजीएमयू
केजीएमयू.


30 हजार सैम्पल लैब पहुंचे, सर्वे की मियाद बढ़ी
केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक, अभी विभिन्न जनपदों से 30 हजार सैंपल ही आ सके हैं. बारिश के चलते सर्वे की गति धीमी हुई है. ऐसे में सर्वे की तारीख बढा दी गई है. अब जून अंत तक सैम्पल इकट्ठे किए जाएंगे. सारी जगहों से सैम्पल आने पर ही स्टडी शुरू होगी. स्टड़ी शुरू होने त संग्रह किए जा चुके खून के नमूनों को निश्चित तापमान पर रखा जाएगा.

पिछले वर्ष 11 जनपदों में हुआ था सीरो सर्वे
राज्य में पिछले वर्ष पहली लहर में सीरो सर्वे (Sero Survey) कराया गया था. इस सर्वे के लिए चार-चार सदस्यों की टीम बनाई गई थी. जिसने 11 जनपदों के लोगों का रैंडम खून का नमूना लिया. इन सैम्पल की जांच केजीएमयू में हुई थी. इस बार सभी 75 जनपदों में सीरो सर्वे (Sero Survey) हो रहा है. इस साल भी सीरो सर्वे (Sero Survey) का नोडल सेंटर केजीएमयू बनाया गया है.

संबंधित खबर- प्रदेश के सभी जिलों में 4 जून से शुरू होगा सीरो सर्वे


पहले इन जनपदों में हुआ था सर्वे
यूपी में अगस्त 2020 में पहली बार सीरो सर्वे हुआ था. इसके लिए सबसे ज्यादा संक्रमण वाले जनपदों की सूची तैयार की गई और इस जनपदों से नमूने इकट्ठे किए गए. इस सूची में लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, मेरठ, कौशाम्बी, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, बागपत और गाजियाबाद जनपद शामिल थे.

लखनऊ: प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से सभी लोगों में खौफ है. तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए प्रदेश में 4 जून से देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे (Sero Survey) शुरू किया गया था. आठ दिन तक चलने वाले इस सर्वे में 65 हजार से अधिक लोगों के खून के नमूने लेने का लक्ष्य तय किया गया था. तय समय के बाद भी कई दिन बीतने पर 50 फीसद ही सैम्पल जुटाए जा सके हैं. ऐसे में स्टडी फंस गई है. दरअसल, सीरो सर्वे (Sero Survey) जरिए यह पता लगाया जाना था कि कितनी फीसद आबादी संक्रमण की चपेट में आ चुकी है, ताकि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उचित प्लान बनाया जा सके.

अमित मोहन प्रसाद का दावा हुआ फेल
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने चार जून को 75 जनपदों में सीरो सर्वे शुरू होने की घोषणा की थी. उन्होंने दावा किया यह देश की सबसे बड़ी सीरो स्टडी (Sero Survey) होगी. इसके लिए 11 जून तक विभिन्न जनपदों से 65 हजार सैम्पल संग्रह किए जाएंगे. इसके बाद लैब में खून की जांच कर उनमें एंटीबॉडी का अध्ययन किया जाएगा. अध्ययन में यह पता चलेगा किस इलाके में, कितनी आबादी संक्रमित हो चुकी है और उनमें एन्टीबॉडी बन चुकी है या नहीं. जिन इलाकों के लोगों में एंटीबॉडी में कमी पाई जाएगी वहां संक्रमण का खतरा अधिक रहेगा. ऐसे में उस जनपद में वैक्सीनेशन कराकर कोरोना के खतरे को टाला जा सकेगा.

केजीएमयू
केजीएमयू.


30 हजार सैम्पल लैब पहुंचे, सर्वे की मियाद बढ़ी
केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक, अभी विभिन्न जनपदों से 30 हजार सैंपल ही आ सके हैं. बारिश के चलते सर्वे की गति धीमी हुई है. ऐसे में सर्वे की तारीख बढा दी गई है. अब जून अंत तक सैम्पल इकट्ठे किए जाएंगे. सारी जगहों से सैम्पल आने पर ही स्टडी शुरू होगी. स्टड़ी शुरू होने त संग्रह किए जा चुके खून के नमूनों को निश्चित तापमान पर रखा जाएगा.

पिछले वर्ष 11 जनपदों में हुआ था सीरो सर्वे
राज्य में पिछले वर्ष पहली लहर में सीरो सर्वे (Sero Survey) कराया गया था. इस सर्वे के लिए चार-चार सदस्यों की टीम बनाई गई थी. जिसने 11 जनपदों के लोगों का रैंडम खून का नमूना लिया. इन सैम्पल की जांच केजीएमयू में हुई थी. इस बार सभी 75 जनपदों में सीरो सर्वे (Sero Survey) हो रहा है. इस साल भी सीरो सर्वे (Sero Survey) का नोडल सेंटर केजीएमयू बनाया गया है.

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पहले इन जनपदों में हुआ था सर्वे
यूपी में अगस्त 2020 में पहली बार सीरो सर्वे हुआ था. इसके लिए सबसे ज्यादा संक्रमण वाले जनपदों की सूची तैयार की गई और इस जनपदों से नमूने इकट्ठे किए गए. इस सूची में लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, मेरठ, कौशाम्बी, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, बागपत और गाजियाबाद जनपद शामिल थे.

Last Updated : Jun 16, 2021, 6:59 PM IST
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