लखनऊ : एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के संयोजक नीतीश कुमार देशभर में घूम-घूमकर विपक्षी दलों को जोड़कर "इंडिया गठबंधन" मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में उनकी अपनी ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ही प्रदेश संयोजक पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने, बुरा बर्ताव करने, राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ ही अपशब्दों का इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगा रहे हैं. वहीं पार्टी के प्रवक्ता ने प्रदेश संयोजक पर लगे आरोपों को निराधार बताया है.
एक ओर आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी के अपने ही नेता आपस में लड़ने में लगे हुए हैं. पार्टी के प्रदेश महासचिव हरिशंकर पटेल ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन कुमार को पत्र लिखकर प्रदेश संयोजक को हटाने की मांग की है. उन्होंने इस पत्र की प्रति बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जनता दल यूनाइटेड उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्रवण कुमार और सह प्रभारी रविंद्र प्रसाद को भेजी है. प्रदेश महासचिव हरिशंकर पटेल ने पत्र में लिखा है कि 12 मार्च को लखनऊ प्रदेश कार्यालय में पार्टी को मजबूत करने के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित करके अपने नए संयोजक की नियुक्ति की थी. आपके निर्णय को स्वीकार कर पार्टी के सभी कार्यकर्ता अपनी क्षमता के अनुसार लग गए, लेकिन विडंबना यह है कि बड़ी-बड़ी बातें और जुमलेबाजी के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ. संयोजक की जबसे नियुक्ति हुई है तबसे पार्टी का संगठन रसातल में चला गया है. संयोजक पार्टी के संविधान और नीतियों के विपरीत ही कार्य कर रहे हैं. यहां तक कि आपको और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी पार्टी कार्यालय में बैठकर अभद्र भाषा से नवाज रहे हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं की दशा क्या होगी यह आप स्वयं ही सोच लें. उन्होंने पत्र में लिखा है कि पार्टी के पुराने और सांगठनिक कार्यकर्ता संयोजक के निजी स्वार्थ के आगे और भाषाई मर्यादा का उल्लंघन करने के कारण अपने आप को असहज महसूस करते हुए घर में बैठ गए हैं. इतना ही नहीं सदस्यता की फर्जी कॉपियां खुलेआम कटवा रहे हैं. उन्होंने लिखा कि जहां एक तरफ पूरा देश नीतीश कुमार की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश का संयोजक पार्टी की नीतियों के विपरीत कार्य कर समर्पित लोगों को पार्टी से दूर कर रहा है. ऐसे गैर अनुभवहीन झूठ बोलने वाले जुमलेबाज संयोजक के रहते उत्तर प्रदेश में पार्टी समाप्त होने के कगार पर है. ऐसे संयोजक को तत्काल बदला जाना ही पार्टी के हित में होगा.
प्रदेश संयोजक पर लगे आरोप निराधार, जांच कर पार्टी लेगी एक्शन : जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता दिवाकर त्रिपाठी का कहना है कि 'जिस शख्स ने राष्ट्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा है अब वह ऑन रिकॉर्ड मना कर रहा है कि उसने ऐसा पत्र नहीं लिखा है, लेकिन यह हमारी कमेटी जांच करके तय करेगी. जहां तक बात पार्टी के अंदर घमासान की है तो जो शख्स ऐसा कर रहे हैं दरअसल, वह पार्टी के पूर्व प्रभारी रहे आरसीपी सिंह के लोग हैं, जो उन्होंने इस पार्टी में इंप्लांट किए थे, वहीं ऐसी हरकतें कर रहे हैं. अब आरसीपी सिंह तो पार्टी से चले गए, लेकिन यह लोग यहीं पर हैं और पार्टी के खिलाफ आरसीपी सिंह की तरह जिस तरह साजिशें रच रहे थे उसी तरह ये लोग रच रहे हैं. जहां तक बात पार्टी के प्रदेश संयोजक की है तो अभी उन्हें एक साल से भी कम समय हुआ है, वह मेहनत कर रहे हैं और जो भी आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह गलत हैं. अब अगर जो लोग पार्टी के खिलाफ कार्यालय पर प्रदर्शन करना चाहते हैं वह करें उन्हें कोई रोक नहीं है. पार्टी में लोकतंत्र है और लोकतंत्र में विरोध किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद पार्टी एक्शन जरूर लेगी.
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन में बहुजन समाज पार्टी सांसद दानिश अली के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया जिसकी चर्चा सियासी गलियारों में तेजी से फैली हुई है. विपक्षी दल लगातार सांसद रमेश बिधूड़ी के इस व्यवहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इतना ही नहीं लोकसभा स्पीकर की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. अब राष्ट्रीय लोक दल ने बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली को सलाह दी है कि वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी पर मानहानि का केस करें.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के व्यवहार को शर्मनाक
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के व्यवहार को शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता कह रहे हैं कि उन्होंने नई संसद बनाई है. नई परिपाटी शुरू की है. बीजेपी लोकतंत्र की दुहाई दे रही है, लेकिन हकीकत है कि भाजपा के ही सांसद उस लोकतंत्र के मंदिर में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बेहद अशोभनीय है.
उन्होंने कहा कि बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के लिए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वह सिर्फ दानिश अली का अपमान नहीं है बल्कि बसपा सांसद के क्षेत्र की जनता का अपमान है. सांसद रमेश बिधूड़ी के खुद की क्षेत्र की जनता का भी अपमान है, क्योंकि जनता ही सांसदों को चुनती है और इस तरह की अमर्यादित भाषा की अपेक्षा सांसद से नहीं करती है उन्होंने हैरानगी जताते हुए कहा कि संसद में सांसदों के सवाल पूछने पर निलंबन की कार्रवाई कर दी जाती है, लेकिन भाजपा का सांसद जब इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है फिर भी लोकसभा स्पीकर उन्हें सिर्फ चेतावनी देते हैं. यह कहां का न्याय है? राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने बसपा सांसद कुमार दानिश अली को भी यह सलाह दी है कि वह बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी पर मानहानि का केस दर्ज कराएं जिससे भविष्य में वे इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल करना ही भूल जाएं.