लखनऊ : लोकबंधु अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए एक अच्छी पहल की गई है. स्त्री एवं प्रसूति विभाग (Department of Gynecology and Obstetrics) को बाकी विभागों से अलग कर दिया गया है. विभाग अलग हो जाने के बाद गर्भवती महिलाओं को इलाज कराने में काफी सहूलियत हो रही है. विभाग में जहां ओपीडी चल रही है उसी के बगल कमरे में ब्लड जांच होती है. ब्लड जांच काउंटर के बगल में ही दवाएं भी उपलब्ध हो रही हैं.
लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ अजय शंकर त्रिपाठी (Dr Ajay Shankar Tripathi, MS, Lokbandhu Hospital) ने दौरान बताया कि जब हम ग्राउंड में निकलते थे तो देखते थे कि गर्भवती महिलाओं को काफी लंबा चलना पड़ता था. कॉमन पर्चा काउंटर पर भी खड़ा होना पड़ता था और साथ ही कॉमन ब्लड जांच काउंटर पर भी उन्हें खड़ा होना पड़ता था. इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कत परेशानी होती थी. अब महिलाओं को ब्लड जांच कराने के लिए दूसरे तल पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. दवाओं के लिए इधर से उधर भटकने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं (pregnant women) का सबसे पहले पर्चा बनता है फिर उसके बाद उनको काउंटर पर बैठी स्टाफ नर्स टोकन देती हैं.टोकन सिस्टम से भीड़ को कंट्रोल में किया जाता है जहां पर महिलाओं इंतजार के लिए बैठने की व्यवस्था की गई हैं. उसी के ठीक सामने दीवार पर टोकन नंबर चलता रहता है. जिस महिला का जो टोकन नंबर होता है जब वह सामने जब स्लाइड पर आता है तो उसे देखकर महिला ओपीडी में दिखाने के लिए जाती हैं. यह सिस्टम कर देने से ओपीडी के बाहर जो भीड़ लगती है वह कंट्रोल में है. महिलाएं चेयर पर बैठकर अपने नंबर का इंतजार करती हैं और जब उनकी बारी आती है तब आराम से ओपीडी में जाकर वह डॉक्टर से मिलती हैं. इससे पहले महिला ओपीडी में काफी ज्यादा भीड़ रहती थी. करीब 300 से अधिक महिलाएं इलाज के लिए रोजाना आती हैं.
महिलाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि पहले से अधिक अच्छी सुविधा अब उन्हें लोकबंधु अस्पताल में मिल रही है. वह हमेशा से लोक बंधु अस्पताल में दिखाती आई हैं तो अन्य अस्पताल नहीं जाती है. मरीजों की संख्या भले ही यहां पर अधिक है, लेकिन व्यवस्था अच्छी होने की वजह से कोई दिक्कत नहीं होती है. ओपीडी के बाहर बने वेटिंग हॉल में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं जब टोकन फ्लाइट पर नंबर हमारा आता है तब उसके बाद हम ओपीडी में दिखाते हैं. साथ ही ब्लड जांच के लिए अब दूसरे तल पर नहीं जाते हैं सारी व्यवस्था यहीं पर है और दवाएं भी यहां पर उपलब्ध हो जाती हैं.
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