लखनऊ: बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा व विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी से मिले. इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. इस घटनाक्रम पर तमाम सियासी चर्चाएं छिड़ गईं. वहीं, आनन-फानन में मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले को स्पष्ट किया. साथ ही अखिलेश के बयान 'मायावती को राष्ट्रपति कब बना रही भाजपा' पर हमला बोला.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि समाज में संशय फैलाया जा रहा है कि उन्हें भाजपा राष्ट्रपति बना रही है. यह सपा की सोची-समझी चाल है. दलित- मुस्लिम और गरीब सवर्ण बसपा के थे और अभी भी वह बसपा के समर्थन में हैं. उनका सपोर्ट मिलता रहा तो सीएम और पीएम बनूंगी, राष्ट्रपति कभी नहीं बनूंगी. इसके अलावा विधानसभा चुनाव में बसपा की हार का प्रमुख कारण सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत रही, जिससे चुनाव को हिंदू-मुस्लिम रंग दिया गया. अब यह होने वाला नहीं है. जनता सब समझ चुकी है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सपा की चाल सब समझ गए हैं. उनके मुखिया के बारे में भी सबको पता हो गया है. वह बसपा की छवि खराब कर सत्ता हथियाना चाहते थे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका है. उनके गठबंधन दल के लोग भी पूरी तरह सपा की चाल से वाकिफ हो गए हैं. ऐसे में सपा को कभी सत्ता यूपी की नहीं मिलने वाली है. लिहाजा सपा मुखिया विदेश भागने की फिराक में हैं. उनका वहां बंदोबस्त हो चुका है.
बसपा प्रमुख ने कहा कि बसपा शासनकाल में बने पार्कों के रख-रखाव को लेकर काफी अनियमितता हुईं. यह सपा सरकार में ज्यादा हुईं. उसके बाद भाजपा सरकार में भी निरंतर जारी हैं. ऐसे में इन पार्कों का सही रख-रखाव किया जाए. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सपा की नीतियों के चलते मुस्लिमों और गरीबों पर अत्याचार हुआ है.
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आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र और बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री योग़ी से मुलाकात की थी. बसपा के दोनों नेताओं ने बसपा काल में बने स्मारकों के रख-रखाव में हीलाहवाली की विस्तृत सर्वे रिपोर्ट सीएम योगी को दी. इस पर सीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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