लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी शुक्रवार को मेदांता अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए. जिलानी को सर्जरी के लिए दोबारा मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टर रवि शंकर की विशेष टीम ने जिलानी की जटिल सर्जरी को सफल अंजाम दिया और ठीक होकर जिलानी घर पहुंचे. जफरयाब जिलानी ने मेदांता के निदेशक और डॉक्टर रवि शंकर समेत पूरी टीम का आभार जताया.
20 मई को घर की सीढ़ियों से गिरने से वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी के सिर में गंभीर चोट लग गई थी. जिसकी वजह से दिमाग मे खून के थक्के जम गए थे. उन्हें लगभग कोमा की स्थिति में उसी दिन रात आठ बजे मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. स्थिति गंभीर होने के चलते उन्हें तत्काल आइसीयू में रखकर उपचार शुरू किया गया. मेदांता के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. रवि शंकर व उनकी टीम ने तुरंत उनकी जांच शुरू की. जांच और सीटी स्कैन में पता चला कि उनके ब्रेन के अगले हिस्से में खून का थक्का जमा हुआ था. जिसकी सफल सर्जरी करके उसे हटाया गया.
डॉ. रवि शंकर ने बातया कि उनके दिमाग में थक्कों की वजह से सूजन आ रही थी, जिसके लिए मस्तिष्क की हड्डी का एक टुकड़ा निकाला गया और उसे पेट में रखा गया. सांस लेने के लिए ट्रेकियोस्टेमी भी की गई ताकि श्वसन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहे और मष्तिष्क को ऑक्सीजन मिलता रहे. लगभग एक महीने बाद जब उनके मष्तिष्क के घाव भर गए तो पेट मे रखी हड्डी को सर्जरी के द्वारा दोबारा मष्तिष्क में लगा दिया गया. जांच के दौरान यह भी पता लगा कि जफरयाब जिलानी कोविड पॉजिटिव हैं, लेकिन चोट की गंभीरता को देखते हुए सर्जरी आवश्यक थी. इसलिए कोविड के लिए बनाई गई मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जिलानी की सर्जरी की गई.
जिलानी ने डॉक्टरों की टीम का जताया आभार
जफरयाब जिलानी ने डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. राकेश कपूर और डॉ. रवि शंकर और उनकी टीम के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'ये मेरी खुशकिस्मती है कि मेदांता जैसा अस्पताल आज लखनऊ में उपलब्ध है, जहां वर्ल्ड क्लास मेडिकल सर्विसेज उपलब्ध हैं. जिन मुश्किल हालात में मेरे परिवार ने मुझे यहां भर्ती कराया था. उसमें मेदांता के डॉक्टरों ने पूरे मेडिकल प्रोफेशनलिज्म का परिचय देते हुए मेरे प्राणों की रक्षा की है, मैं आजीवन इन सभी का शुक्रगुजार रहूंगा.'
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