लखनऊ : प्रयागराज से मेरठ के बीच प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे (ganga express-way) के लिए निर्माणकर्ता कंपनी का चयन दिसंबर के पहले सप्ताह में कर लिया जाएगा. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान इसका शिलान्यास करेंगे.
एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रत्येक जिले में एक साथ शुरू होगा. यह करीब 9 जिलों की सीमा से होकर गुजरेगा. इससे मेरठ से प्रायागराज और बिहार तक जाने का रास्ता भी आसान हो सकेगा.
2025 तक गंगा एक्सप्रेस-वे पर यातायात पूरी तरह से बहाल हो जाएगा. इसके निर्माण में करीब 35 हजार करोड़ की लागत आएगी. इस क्रम में अगले महीने यानी दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के इस सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे.
मेरठ में कृषि विश्वविद्यालय (Agricultural University in Meerut) में शिलान्यास कार्यक्रम को किया जाना संभावित है. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे (Agra Lucknow express way) को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेस-वे से लिंक किया जाएगा. आगरा एक्सप्रेस-वे उन्नाव के पास गंगा एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट होगा.
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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बाद अब मेरठ से बिहार तक का सफर भी अगले चार वर्षों में आसान हो जाएगा. मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे को बलिया तक भी लिंक किया जाएगा. बलिया से बिहार की सीमा शुरू हो जाती है.
प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि पश्चिम से पूर्व तक की दूरी एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पांच से छह घंटे में पूरी हो सके. इसके लिए यूपीडा ने एक्सप्रेस-वे का जाल बिछा दिया है.
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए मेरठ में नौ गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. मेरठ में भूमि क्रय की प्रक्रिया लगभग पूरी की जा चुकी है. इसके अलावा अन्य जिलों की कुल 92 फीसदी भूमि जो कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जरूरी है. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) उसका क्रय कर चुका है.
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज शहरों को शामिल किया गया है.
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि यूपीडा करीब 92 प्रतिशत भूमि अर्जित कर चुका है. जल्द ही काम शुरू होगा. हर जिले में एक साथ काम शुरू किया जाएगा.
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