लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दिन पर दिन बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम के लिए यूपी सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. जेलों में सुरक्षा के तमाम प्रयास के बावजूद आए दिन मोबाइल फोन सहित कई प्रतिबंधित सामान मिलते रहते हैं. जिससे बंदियों की सुरक्षा के लिए लिहाज से खतरा बना रहता है. योगी सरकार इन समस्याओं से निपटने के लिए अब जेलों में सुरक्षा के और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाने जा रही है.
उत्तर प्रदेश में जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा से ही सवाल खड़े होते रहे हैं. पिछले दिनों मुन्ना बजरंगी की हत्या हो या देवरिया जेल में लखनऊ के कारोबारी को बंधक बनाकर पीटने का मामला. इस प्रकार की घटनाओं से जेल के भीतर भी अपराधियों का बोलबाला रहा है. अब जेल प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं को पूरी तरह से रोकने की तैयारी में लगा है. जेल की सुरक्षा में लगे हुए बंदी रक्षक और जेलकर्मियों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा. तिहाड़ जेल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की जेलों को कैदियों के लिए सुरक्षित किया जाएगा.
जेलों में लगेंगे यह उपकरण
उत्तर प्रदेश के करीब 72 जेलों में 1 लाख से ज्यादा कैदी इन दिनों निरुद्ध हैं. इन कैदियों में बड़ी संख्या में बड़े अपराधी और आतंकवादी भी बंद है. उत्तर प्रदेश के जेलों में अब और भी सख्त सुरक्षा पहरा होगा क्योंकि अब जेल के सुरक्षाकर्मियों को आधुनिक किस्म के उपकरणों से लैस किया जाएगा. जेल डीआईजी संजीव त्रिपाठी ने बताया कि जेल के सुरक्षाकर्मियों को डीप मेटल डिटेक्टर, बॉडी वार्म कैमरा, स्कैनर और आधुनिक सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा. जेल मुख्यालय पर कंट्रोल रूम के माध्यम से जेल की हर गतिविधि पर निगरानी भी होगी.
आपराधिक गतिविधियों में लगेगा लगाम
प्रदेश के जेलों को मेटल डिटेक्टर और बॉडी स्कैनर मिले हुए थे, लेकिन यह समय के साथ तकनीक में पुराने हो चुके हैं. यही वजह है कि आधुनिक उपकरण से जेलों के अंदर आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सकेगा. बॉडी वार्म कैमरे जहां बंदी रक्षक अपनी ड्यूटी के दौरान हर समय लगा सकेंगे. इससे जेल में बंद अपराधियों से मिलने आने वाले लोगों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी. डीप मेटल डिटेक्टर से जमीन के अंदर मोबाइल और हथियार छिपाने की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा. वहीं बॉडी स्कैनर से भी अपराधिक गतिविधियों के मामलों पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जा सकेगी.
प्रदेश के 5 जेलों में लगेंगे 4G जैमर
प्रदेश के जेलों में अब तक 3G जैमर लगे हुए थे, लेकिन आधुनिक तकनीकी दौर में अब यह जैमर अनुपयोगी हो चुके हैं जिसके चलते जेलों में मोबाइल के प्रयोग पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. हालांकि प्रदेश के पांच संवेदनशील जेलों पर 4G जैमर लगने से यहां मोबाइल के प्रयोग पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी.