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प्रदेश में आरएसएस के इन प्रमुख कार्यालयों पर बढ़ाई गई सुरक्षा

पिछले दिनों हुए पीएफआई सदस्यों के खुलासे के बाद प्रदेश के आरएसएस के कार्यालयों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. फरवरी में पकड़े गए पीएफआई और अन्य आतंकी संगठनों की ओर से यूपी में जातीय दंगा भड़काने के कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. पुलिस प्रशासन ने उप्र के वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा और मेरठ स्थित प्रांत कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी है.

आरएसएस कार्यालयों पर सुरक्षा बढ़ी.
आरएसएस कार्यालयों पर सुरक्षा बढ़ी.
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Published : Mar 8, 2021, 9:37 PM IST

लखनऊ: पिछले दिनों हुए पीएफआई सदस्यों के खुलासे के बाद अब प्रदेश के संघ भवन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आठ प्रमुख कार्यालयों पर सोमवार को अचानक पुलिस की सुरक्षा बढ़ाई गई. संघ कार्यालयों पर रहने वाले संघ के वरिष्ठ प्रचारकों की सुरक्षा को भी बढ़ाई गई है.

स्वयंसेवक संघ के प्रमुख कार्यालयों पर पुलिस तैनात

पीएफआई सदस्यों के खुलासे के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालयों एवं प्रमुख कार्यालयों को असुरक्षित मानते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के उच्च अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. संघ के प्रांत कार्यालयों में लखनऊ के राजेन्द्र नगर स्थित भारती भवन और मॉडल हाउस में केशव भवन, प्रयागराज के सिविल लाइन स्थित आनंदा भवन, वाराणसी के सिगरा स्थित केशव निलय, मेरठ के शिवाजी मार्ग पर शंकर आश्रम, आगरा के जयपुर हाउस में माधव भवन, कानपुर के अफीम कोठी में केशव भवन कार्यालयों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने किया था खुलासा

बीती 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने एक खुलासा करते हुए लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र के पिकनिक स्पॉट के निकट से पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों बदरुद्दीन और फिरोज के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी. पीएफआई सदस्यों ने पूछताछ में हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों को निशाना बनाने और दंगा भड़काने की योजना से कार्य करने की बात कबूली थी. केरल के रहने वाले बदरुद्दीन और फिरोज की लखनऊ में गिरफ्तारी के बाद सामने आए बयान से उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने एक विभागीय बैठक में संघ कार्यालयों को सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर निर्णय किया. आला अधिकारियों ने हाथरस में दंगा भड़काने में गिरफ्तार हुए पीएफआई के राउफ शरीफ के बयान को भी गंभीर माना और संघ कार्यालयों पर सुरक्षा इंतजाम को मजबूत करने की बात कही. हाथरस में पीएफआई और उसकी छात्र इकाई सीएफआई की मुख्य भूमिका का पता लगा था.

पढ़ें: विभूति खंड थानाध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश, पढ़ें क्या है मामला

यूपी में जातीय दंगा भड़काने के कई दस्तावेज हुए बरामद

पुलिस और संघ सूत्रों की मानें तो पीएफआई और अन्य आतंकी संगठनों की ओर से यूपी में जातीय दंगा भड़काने के कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. मुख्य रूप से दलितों पर अत्याचार और हत्या कर दंगा भड़काने की योजना है. इसके अलावा उनकी सूची में हिन्दू समाज को भड़काने के लिए आरएसएस से जुड़े अधिकारियों पर हमले और संघ कार्यालय भी निशाने पर हैं. इसके साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने उप्र के वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा और मेरठ स्थित प्रांत कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी है. संघ के एक उच्च अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आरएसएस कार्यालयों पर उपद्रवी और आतंकी हमलों का अंदेशा है. इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से प्रांत कार्यालयों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. पुलिस सुरक्षा से स्वयंसेवकों को थोड़ी कठिनाई होगी, लेकिन इसका पालन करना सभी स्वयंसेवकों का कर्तव्य है.

लखनऊ: पिछले दिनों हुए पीएफआई सदस्यों के खुलासे के बाद अब प्रदेश के संघ भवन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आठ प्रमुख कार्यालयों पर सोमवार को अचानक पुलिस की सुरक्षा बढ़ाई गई. संघ कार्यालयों पर रहने वाले संघ के वरिष्ठ प्रचारकों की सुरक्षा को भी बढ़ाई गई है.

स्वयंसेवक संघ के प्रमुख कार्यालयों पर पुलिस तैनात

पीएफआई सदस्यों के खुलासे के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालयों एवं प्रमुख कार्यालयों को असुरक्षित मानते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के उच्च अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. संघ के प्रांत कार्यालयों में लखनऊ के राजेन्द्र नगर स्थित भारती भवन और मॉडल हाउस में केशव भवन, प्रयागराज के सिविल लाइन स्थित आनंदा भवन, वाराणसी के सिगरा स्थित केशव निलय, मेरठ के शिवाजी मार्ग पर शंकर आश्रम, आगरा के जयपुर हाउस में माधव भवन, कानपुर के अफीम कोठी में केशव भवन कार्यालयों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

एडीजी लॉ एंड आर्डर ने किया था खुलासा

बीती 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने एक खुलासा करते हुए लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र के पिकनिक स्पॉट के निकट से पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों बदरुद्दीन और फिरोज के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी. पीएफआई सदस्यों ने पूछताछ में हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों को निशाना बनाने और दंगा भड़काने की योजना से कार्य करने की बात कबूली थी. केरल के रहने वाले बदरुद्दीन और फिरोज की लखनऊ में गिरफ्तारी के बाद सामने आए बयान से उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने एक विभागीय बैठक में संघ कार्यालयों को सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर निर्णय किया. आला अधिकारियों ने हाथरस में दंगा भड़काने में गिरफ्तार हुए पीएफआई के राउफ शरीफ के बयान को भी गंभीर माना और संघ कार्यालयों पर सुरक्षा इंतजाम को मजबूत करने की बात कही. हाथरस में पीएफआई और उसकी छात्र इकाई सीएफआई की मुख्य भूमिका का पता लगा था.

पढ़ें: विभूति खंड थानाध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश, पढ़ें क्या है मामला

यूपी में जातीय दंगा भड़काने के कई दस्तावेज हुए बरामद

पुलिस और संघ सूत्रों की मानें तो पीएफआई और अन्य आतंकी संगठनों की ओर से यूपी में जातीय दंगा भड़काने के कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. मुख्य रूप से दलितों पर अत्याचार और हत्या कर दंगा भड़काने की योजना है. इसके अलावा उनकी सूची में हिन्दू समाज को भड़काने के लिए आरएसएस से जुड़े अधिकारियों पर हमले और संघ कार्यालय भी निशाने पर हैं. इसके साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने उप्र के वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा और मेरठ स्थित प्रांत कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी है. संघ के एक उच्च अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आरएसएस कार्यालयों पर उपद्रवी और आतंकी हमलों का अंदेशा है. इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से प्रांत कार्यालयों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. पुलिस सुरक्षा से स्वयंसेवकों को थोड़ी कठिनाई होगी, लेकिन इसका पालन करना सभी स्वयंसेवकों का कर्तव्य है.

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