लखनऊ: राजधानी के फैजुल्लागंज गाजीपुर बलराम में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय राम भरोसे करीब 2 सालों से चल रहा है. यहां पठन-पाठन की क्रिया केवल एक शिक्षक द्वारा ही कराई जा रही है. वहीं छात्रों की बात करें तो इस स्कूल में बच्चे और बच्चियां मिलाकर 152 छात्र हैं, जिसको लेकर शिक्षा विभाग की तरफ बच्चों के शिक्षण के लिए जरूरत के हिसाब से टीचर उपलब्ध नहीं है.
जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम दावे कर रही है. वहीं, दावे जिम्मेदार अधिकारियों के चलते जमीनी स्तर पर फेल नजर होते दिखाई दे रहा है.
ताजा मामला राजधानी के फैजुल्लागंज के गाजीपुर में स्थित सरकारी स्कूल के हालात ऐसा हैं, कि पूरे स्कूल का संचालन एक संविदा अध्यापक द्वारा करीब 2 वर्षों से किया जा रहा है. अध्यापक करीब 152 विद्यार्थियों को जो अलग-अलग कक्षा में अध्ययन करते हैं, जिनको एक शिक्षक द्वारा शिक्षण कराया जा रहा है. यह सोचने का विषय है कि आखिरकार सिस्टम में बैठे जिम्मेदार अधिकारी अधिकारियों की इस पर नजर क्यों नहीं जाती ,क्या एक शिक्षक पूरे स्कूल के बच्चों का भविष्य सवार सकता है, यह सवाल खड़ा करने वाली बात है.
अध्यापक सुमित कुमार पाल ने बताया कि स्कूल का कार्य केवल उनके द्वारा किया जा रहा है. पिछले 2 साल से मैं शिक्षण कार्य कर रहा हूं. स्कूल के वित्तीय इंचार्ज सेमरा गौड़ी के प्रधानाध्यापक सैयद वाकर अली रिजवी है. उन्हीं के नेतृत्व में कार्य चल रहा है.
कई समस्याओं का करना पड़ रहा सामना
अध्यापक सुमित कुमार पाल ने बताया कि शिक्षण कार्य में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है. एक साथ तीन कक्षाओं का संचालन करना संभव नहीं हो पाता है. इसलिए एक कक्षा को पढ़ाने के बाद दूसरी कक्षा में शिक्षण का काम करता हूं. उन्होंने बताया कि शिक्षक के अभाव में स्कूल में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
मामले को संज्ञान में लेते बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि शिक्षण व्यवस्था के लिए जल्द ही यहां आवश्यकतानुसार अध्यापक की नियुक्ति कर दिया जाएगा. जिससे बच्चों को सही तरीके से शिक्षण का कार्य किया जा सके.
इसे भी पढे़ं- मिर्जापुरः 1 किलो चावल और 1 पैकेट दूध में 32 बच्चों को खिला दिया गया मिड डे मील