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Lucknow University : पीएचडी में कई विषयों में सीटों की तुलना में कम विद्यार्थी हुए पास, कई विभागों में खाली रहेंगी सीटें

लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है, वहीं परिणाम जारी होने के बाद अभ्यर्थियों का आंकड़ा सीटों के सापेक्ष आधा है.

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Published : Mar 25, 2023, 11:18 AM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी हो चुके हैं. विश्वविद्यालय ने अब तक करीब 40 विषयों के परिणाम जारी किए हैं और अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया है. लखनऊ विश्वविद्यालय में इस बार पीएचडी विषयों में प्रवेश के लिए जहां रिकॉर्ड सीटें निकली थीं, वहीं जो परिणाम आए हैं, उस हिसाब से विश्वविद्यालयों को अभ्यर्थी नहीं मिले हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय में कई विषयों में सीटें खाली रह जाएंगी. विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के सबसे प्रमुख विभाग फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी में इस बार पीएचडी सीटें खाली रहना तय है. इन विषयों में जारी परिणाम के बाद अभ्यर्थियों का आंकड़ा सीटों के सापेक्ष आधा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय ने पीएचडी विषयों के प्रवेश परीक्षा के बाद जो परिणाम जारी किए हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं. विश्वविद्यालय में केवल विज्ञान संकाय ही नहीं कला संकाय के कई विषयों जैसे प्राचीन भारतीय इतिहास, फ्रेंच, पाश्चात्य इतिहास अरब कल्चर तथा अरेबिक जैसे विषयों में सीट की तुलना में कम अभ्यर्थी सफल हुए हैं. ऐसे में इन विभागों में पीएचडी सीटें खाली रह जाएंगी. पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी करने के बाद हालत यह है कि फिजिक्स की 125 सीटों पर सिर्फ 29 अभ्यर्थी, केमिस्ट्री की 98 सीटों पर सिर्फ 44 अभ्यर्थी, जबकि जूलॉजी की 139 सीटों पर केवल 43 हो पाए हैं. इसी तरह फ्रेंच की दो सीटों पर एक अभ्यर्थी, पाश्चात इतिहास की 37 सीटों पर 21 अभ्यर्थी, पर्शियन की 14 सीटों पर चार, एआईएच की 31 सीटों पर 22 और अरेबिक व अरब कल्चर की 19 सीटों पर सिर्फ 9 अभ्यर्थी ही सफल हो सके हैं.


ऐसा नहीं है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में सभी पीएचडी विषयों में सीटों के सापेक्ष कम अभ्यर्थी सफल हुए हैं, कई विषयों की पीएचडी में निर्धारित सीट के मुकाबले 10 गुना अधिक अभ्यर्थी सफल हुए हैं. विश्वविद्यालय की ओर से जारी परिणाम के अनुसार, भूगोल की हर सीट पर 17 दावेदार हैं. लविवि के पीएचडी दाखिलों में सबसे ज्यादा मारामारी भूगोल पाठ्यक्रम को लेकर है. इसकी आठ सीटों के लिए 137 अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में सफल हुए हैं. इसके बाद भूगर्भ विज्ञान विभाग की एक मात्र सीट के लिए 10 दावेदार हैं, जबकि गृहविज्ञान की 11 सीटों पर 65 अभ्यर्थी, उर्दू की पांच सीटों पर 33 अभ्यर्थी और हिंदी की 103 सीटों पर 580 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसके अलावा मनोविज्ञान की 10 सीटों पर 50 अभ्यर्थी, लोक प्रशासन की 6 सीटों पर 30 अभ्यर्थी, रक्षा अध्ययन की दो सीटों पर 10 अभ्यर्थी, एमआईएच की आठ सीटों 38, गणित की सात सीटों पर 36, एलएलबी की 36 सीटों पर 194 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसके अलावा ज्यादातर विषयों में हर सीट पर दो से तीन दावेदार हैं.

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि 'प्रवेश परीक्षा के बाद जो छात्र योग्य पाए गए हैं, उन्हीं को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है. पीएचडी में जो सीटें खाली रह जाती हैं उन्हें अगले सत्र में प्रवेश के लिए ओपन रखा जाता है. क्योंकि पीएचडी की सीटें हर साल घटती बढ़ती रहती हैं. सीटें खाली रहने पर भी कोई दिक्कत नहीं होगी वह अगली प्रवेश प्रक्रिया में भर जाएंगी.'

यह भी पढ़ें : डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने पर विवाद, पुलिस पर पथराव, गांव में फोर्स तैनात

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी हो चुके हैं. विश्वविद्यालय ने अब तक करीब 40 विषयों के परिणाम जारी किए हैं और अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया है. लखनऊ विश्वविद्यालय में इस बार पीएचडी विषयों में प्रवेश के लिए जहां रिकॉर्ड सीटें निकली थीं, वहीं जो परिणाम आए हैं, उस हिसाब से विश्वविद्यालयों को अभ्यर्थी नहीं मिले हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय में कई विषयों में सीटें खाली रह जाएंगी. विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के सबसे प्रमुख विभाग फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी में इस बार पीएचडी सीटें खाली रहना तय है. इन विषयों में जारी परिणाम के बाद अभ्यर्थियों का आंकड़ा सीटों के सापेक्ष आधा है.

लखनऊ विश्वविद्यालय ने पीएचडी विषयों के प्रवेश परीक्षा के बाद जो परिणाम जारी किए हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं. विश्वविद्यालय में केवल विज्ञान संकाय ही नहीं कला संकाय के कई विषयों जैसे प्राचीन भारतीय इतिहास, फ्रेंच, पाश्चात्य इतिहास अरब कल्चर तथा अरेबिक जैसे विषयों में सीट की तुलना में कम अभ्यर्थी सफल हुए हैं. ऐसे में इन विभागों में पीएचडी सीटें खाली रह जाएंगी. पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी करने के बाद हालत यह है कि फिजिक्स की 125 सीटों पर सिर्फ 29 अभ्यर्थी, केमिस्ट्री की 98 सीटों पर सिर्फ 44 अभ्यर्थी, जबकि जूलॉजी की 139 सीटों पर केवल 43 हो पाए हैं. इसी तरह फ्रेंच की दो सीटों पर एक अभ्यर्थी, पाश्चात इतिहास की 37 सीटों पर 21 अभ्यर्थी, पर्शियन की 14 सीटों पर चार, एआईएच की 31 सीटों पर 22 और अरेबिक व अरब कल्चर की 19 सीटों पर सिर्फ 9 अभ्यर्थी ही सफल हो सके हैं.


ऐसा नहीं है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में सभी पीएचडी विषयों में सीटों के सापेक्ष कम अभ्यर्थी सफल हुए हैं, कई विषयों की पीएचडी में निर्धारित सीट के मुकाबले 10 गुना अधिक अभ्यर्थी सफल हुए हैं. विश्वविद्यालय की ओर से जारी परिणाम के अनुसार, भूगोल की हर सीट पर 17 दावेदार हैं. लविवि के पीएचडी दाखिलों में सबसे ज्यादा मारामारी भूगोल पाठ्यक्रम को लेकर है. इसकी आठ सीटों के लिए 137 अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में सफल हुए हैं. इसके बाद भूगर्भ विज्ञान विभाग की एक मात्र सीट के लिए 10 दावेदार हैं, जबकि गृहविज्ञान की 11 सीटों पर 65 अभ्यर्थी, उर्दू की पांच सीटों पर 33 अभ्यर्थी और हिंदी की 103 सीटों पर 580 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसके अलावा मनोविज्ञान की 10 सीटों पर 50 अभ्यर्थी, लोक प्रशासन की 6 सीटों पर 30 अभ्यर्थी, रक्षा अध्ययन की दो सीटों पर 10 अभ्यर्थी, एमआईएच की आठ सीटों 38, गणित की सात सीटों पर 36, एलएलबी की 36 सीटों पर 194 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसके अलावा ज्यादातर विषयों में हर सीट पर दो से तीन दावेदार हैं.

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि 'प्रवेश परीक्षा के बाद जो छात्र योग्य पाए गए हैं, उन्हीं को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है. पीएचडी में जो सीटें खाली रह जाती हैं उन्हें अगले सत्र में प्रवेश के लिए ओपन रखा जाता है. क्योंकि पीएचडी की सीटें हर साल घटती बढ़ती रहती हैं. सीटें खाली रहने पर भी कोई दिक्कत नहीं होगी वह अगली प्रवेश प्रक्रिया में भर जाएंगी.'

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