लखनऊ : एसडीएम ज्योति मौर्य और पति आलोक मौर्य के बीच चल रहा विवाद सुर्खियों में है. घर-घर में यह इस मामले पर चर्चा हो रही हैं. यहीं नहीं बल्कि यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रयागराज और दिल्ली से बहुत से पतियों ने अपनी पत्नियों को वापस बुला लिया. सोशल मीडिया पर यह मामला सुर्खियां बटोर रहा है. बहुत से रील्स, वीडियो, भोजपुरी सॉन्ग और मीम्स वायरल हो रहे हैं.
![एसडीएम ज्योति मौर्य मामले में लोगों की राय.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/06-07-2023/18929657_apn1.jpg)
महिलाओं का कहना है कि सदियों से जो काम पुरुष करते आए हैंं, उस पर कभी कोई इतना बड़ा बवाल नहीं हुआ. एक पत्नी के होते हुए घर के बाहर अनैतिक संबंध बनाना हो या फिर एक पत्नी के होते हुए दूसरी शादी कर लेना, हमेशा से चलता रहा है. उन मुद्दों पर कभी समाज ने पुरुषों पर उंगली नहीं उठाई. हमेशा यह कहा जाता है कि हर पुरुष एक जैसा नहीं होता है. अब दौर आ गया है कि पुरुषों को भी यह बात समझनी होगी कि हर महिला एक जैसी नहीं होती हैं. यह उनका निजी मामला है व्यक्तिगत मामले को इस तरह से वायरल नहीं करना चाहिए था.
![एसडीएम ज्योति मौर्य मामले में महिलाओं की राय.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-07-2023/up-luc-01-women-talk-routine-7209871_06072023152010_0607f_1688637010_357.png)
![प्रो. मंजुला उपाध्याय की राय.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/07-07-2023/18929657_manjula.jpg)
महिला पुरुष के लिए हो समान सोच : नवयुग कन्या महाविद्यालय में प्रो. मंजुला उपाध्याय ने कहा कि एसडीएम ज्योति मौर्य ने समाज की पितृ सत्तात्मक सोच से उलट कुछ किया है. यही कारण है कि हंगामा हो रहा है. पितृ सत्तात्मक समाज ही आदर्श आ रहा है. प्राचीन समय से यह प्रचलन में है कि पुरुष अगर अच्छी नौकरी पा जाता था तो ग्रामीण क्षेत्र में महिला से उसकी शादी हुई होती थी तो उसको छोड़ कर वह शहर में दूसरी शादी कर लेता था या दूसरी औरत रख लेता था. इस बात पर ज्यादा शोर शराबा नहीं होता था. आज के समय पर अगर एक महिला ने ऐसा किया तो उस पर इतना हो हल्ला ठीक नहीं है. मुझे नहीं लगता कि हम एक तरफा कोई निर्णय दे सकते हैं. दूसरी बात यह कि महिलाएं यदि सफलता हासिल कर रही हैं तो किसी ने भी अगर मदद की है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह उसी की वजह से मिली. सफलता के पीछे खुद की मेहनत भी रही होगी, उसका खुद का टैलेंट रहा होगा, जिसे हम नकार नहीं सकते. हमें पक्षपात पूर्ण रवैया न अपनाकर पुरुष और महिला के लिए समान सोच रखनी चाहिए.