लखनऊ: जिला कृषि अधिकारी बाराबंकी के अधीन एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन प्रोग्राम पर मंगलवार को सर्टिफिकेट कोर्स कार्यक्रम रखा गया. इस सर्टिफिकेट कोर्स में चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय बक्शी का तालाब में आए हुए प्रशिक्षणार्थियों को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि आज के परिवेश में आत्मनिर्भर बनने के लिए कृषि एवं उससे जुड़े हुए उद्योगों को अपनाकर लोग अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
इस अवसर पर प्रो. योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि आज जैविक खेती की आवश्यकता है और खेती-किसानी के साथ-साथ मुर्गी पालन, बकरी पालन, बटेर पालन, फूलों की खेती, मशरूम कल्चर और सहजन की खेती को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे रोजगार के रास्ते खुलेंगे और आय भी बढ़ेगी.
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने अपने व्याख्यान में बताया कि लगातार कीटनाशकों और उर्वरकों के प्रयोग से खेती योग्य जमीन का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और खाने वाली वस्तुओं में कीटनाशक की मात्रा निरंतर बढ़ रही है, जिससे बीमारियां अधिक बढ़ रही हैं. उन्होंने समन्वित कीट नियंत्रण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि आज के परिवेश में क्लोरिनेटेड हाइड्रोकार्बन, ऑर्गेनोफॉस्फेट और कार्बामेट कीटनाशक जो रेड लेबल के कीटनाशक हैं, उनका प्रयोग बिल्कुल न किया जाए. इसके स्थान पर जैविक कीटनाशक ब्यूबेरिया बैसियाना, मेटारजियम एनीसोपली, एनपीबी, बैसिलस थूरीजेनेसिस, गौ मूत्र, ट्राइकोडरमा के प्रयोग के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी.
डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अब परंपरागत खेती को कम करके आधुनिक खेती की तरफ बढ़ना होगा तभी आय दोगनी हो सकती है. इस पर जोर देते हुए डॉ. सिंह ने मसाला वर्गीय फसलों में अदरक, हल्दी आदि फसलों पर जोर दिया और अमरूद तथा पपीते की खेती को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया. सभी प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि आने वाले समय में जिस तरह आपदाएं बढ़ रही हैं, अदरक एक अच्छा आय का साधन बन सकती है. महाविद्यालय के कृषि अभियंत्रण विभाग के विपुल अग्रवाल ने गोबर गैस की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में फैंसी लेटर के रूप में कार्यालय जिला कृषि अधिकारी बाराबंकी की तरफ से दिनेश कुमार उपाध्याय ने प्रशिक्षुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विभिन्न प्रकार की तकनीकी जानकारी महाविद्यालय से प्राप्त कराई.