लखनऊः विश्वविद्यालय में इन दिनों शताब्दी महोत्सव चल रहा है. महोत्सव में विज्ञान मेले का भी आयोजन किया गया. विज्ञान मेले में प्रमुख केंद्र रहा काला गेहूं. इस गेहूं की खासियत यह है कि इसमें दूसरे आम गेहूं के अपेक्षा अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं.
काला गेहूं रहा आकर्षण का केंद्र
लखनऊ के शताब्दी समारोह में विज्ञान मेले का भी आयोजन किया गया. जिसमें चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय की तरफ से स्टाल में काला गेहूं प्रदर्शनी में लगाया गया था. इस गेहूं में सामान्य आम गेहूं की अपेक्षा अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर आनंद मुरारी सक्सेना ने काले गेहूं के गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली. जिसके बाद आचार्य चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय की तरफ से परीक्षा नियंत्रक को आर्नामेंटल पौधा देकर सम्मानित भी किया गया.
काले गेहूं की खासियत
इस गेहूं में जिंक की मात्रा आम गेहूं के अपेक्षा अधिक पाई जाती है. यह गेहूं एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-कैंसर और इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है. साथ ही इस गेहूं की रोटी भी दूसरे गेहूं के अपेक्षा ज्यादा स्वादिष्ट होती है.
काले गेहूं में नहीं होता फैट
वैसे तो इस गेहूं में कई खासियत है, जिसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता और मोटापा इस गेहूं को दूसरे गेहूं से बिल्कुल अलग करता है. इस गेहूं के आटे के सेवन से न सिर्फ स्वाद मिलता है बल्कि आंखों की दृष्टि मजबूत होती है और मोटापा भी कम होता है. इसके अलावा यह गेहूं त्वचा की भी रक्षा करता है. यह गेहूं डायबिटीज को भी नियंत्रित करता है.
डॉक्टर भी काले गेहूं के सेवन की देते हैं सलाह
चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया की इस गेहूं में एंथोसाइएनिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. जो प्रमुख रूप से फ्री रेडिकल्स निकालकर ह्रदय, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा की रोकथाम करता है.