लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 अक्टूबर से प्रदेश में विद्यालयों के खोलने का निर्णय लिया है. प्रथम चरण में कक्षा-9 से 12 तक के विद्यालय खुल सकेंगे. इस दौरान विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है. विद्यालयों को छात्र- छात्राओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा. सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. विद्यालय दो पालियों में संचालित किये जाएंगे. इसके साथ ही विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरान्त ही पठन-पाठन के लिए बुलाया जाएगा.
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि शासन द्वारा विचार करने के बाद कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्डों के विद्यालयों के कक्षा 9,10,11 एवं 12 में 19 अक्टूबर 2020 से पठन-पाठन भौतिक रूप से पुनः प्रारम्भ किये जायेंगे. परन्तु विद्यालय खोले जाने की अनुमति कुछ शर्तों के अधीन प्रदान की गई है.
डिप्टी सीएम ने निर्देश दिया है कि विद्यालय खोले जाने से पूर्व उन्हें पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाए तथा यह प्रक्रिया प्रतिदिन प्रत्येक पाली के उपरान्त नियमित रूप से भी सुनिश्चित की जाए. विद्यालयों में सैनिटाइजर हैण्डवाश, थर्मल स्कैनिंग और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. यदि किसी विद्यार्थी, शिक्षक या अन्य कार्मिक को खांसी, जुखाम या बुखार के लक्षण हों तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाए.
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने निर्देश दिया कि बच्चों का भविष्य तथा स्वास्थ्य दोनों महत्वपूर्ण हैं. विद्यार्थियों को हैण्डवाश/सैनिटाइजर के प्रयोग के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाए. विद्यालयों में प्रवेश के समय तथा छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए तथा एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी न की जाए. विद्यालय में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाए.
डॉ. दिनेश शर्मा ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि विद्यार्थी स्कूल बसों अथवा विद्यालय से सम्बद्ध सार्वजनिक सेवा वाहन से विद्यालय आते हैं तो वाहनों को प्रतिदिन सैनिटाइजर कराया जाए तथा बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए. सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. विद्यालय प्रबन्धन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क उपलब्ध रखे जाए. विद्यार्थियों को छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाए तथा इसे प्रोत्साहित किया जाए कि जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय बुलाया जाए. यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाइन अध्ययन करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
विद्यालय दो पालियों में संचालित किए जाएंगे. प्रथम पाली में कक्षा 9 एवं 10 तथा द्वितीय पाली में कक्षा-11 एवं 12 के विद्यार्थियों को पठन-पाठन के लिए बुलाया जाएगा. एक दिन में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक विद्यार्थियों को ही बुलाया जाएगा. बचे हुए 50 फीसद विद्यार्थियों को अगले दिन बुलाया जाएगा. विद्यार्थियों को उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरान्त ही पठन-पाठन के लिए बुलाया जाना है. वहीं कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि आगामी 19 अक्टूबर से विद्यालयों को खोले जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है. इस सम्बन्ध में स्कूल खोलने से पूर्व स्वास्थ्य, स्वच्छता व अन्य सुरक्षा प्रोटोकाल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दिया गया है. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने समस्त विद्यालयों तथा अभिभावकों से अपील की है कि वे इन मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन सुनिश्चित करें. आराधना शुक्ला ने समस्त मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह निर्देश दिया है कि शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा वह स्वयं भी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें.