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लखनऊ: फिटनेस जांच में फेल हुए 80 से 90 फीसदी स्कूल वाहन, होगी कार्रवाई - आरटीओ कार्यालय में स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच

राजधानी लखनऊ में रविवार को स्कूली बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से आरटीओ कार्यालय में कैंप लगाया गया. कैंप में स्कूली वाहनों के फिटनेस की जांच की गई.

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फिटनेस जांच में फेल हुए 80 से 90 फीसदी स्कूल वाहन.
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Published : Feb 16, 2020, 11:00 PM IST

लखनऊ: स्कूली वाहन चालक न्यायालय के नियमों का उल्लंघन कर मनमाने ढंग से वाहनों का संचालन कर रहे हैं. न्यायालय ने सभी स्कूली बसों और वैन को कैमरे और जीपीएस से लैस करने का निर्देश दिया था. रविवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के फिटनेस ग्राउंड में जांच के लिए पहुंचे 90 फीसदी स्कूल वाहन फेल हो गए. 14 प्वॉइंट पर स्कूल वैन तो 26 प्वॉइंट पर स्कूली बसों की जांच की गई. ज्यादातर स्कूल वाहन उत्तर प्रदेश मोटरयान (26वां संशोधन) नियमावली 2019 में शामिल विशेष उपबंधों का पालन नहीं कर रहे हैं.

फिटनेस जांच में फेल हुए 80 से 90 फीसदी स्कूल वाहन.

न्यायालय ने परिवहन विभाग को नियमावली बनाने के लिए जारी किए थे आदेश

2019 में न्यायालय ने स्कूल वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग को नियमावली बनाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश मोटरयान (26वां संशोधन) कर नई नियमावली तैयार की गई. सभी स्कूली वाहन स्वामियों को निर्देश जारी किए गए थे कि नियमावली में जो विशेष उपबंध किए गए हैं, उन सभी का पालन हो. लेकिन हकीकत यही है कि स्कूली वाहन स्वामी नियमावली का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. रविवार को स्कूली बसों और वैन की जांच के लिए कैम्प आयोजित किया गया. 25 स्कूल वैन और 26 बसें यहां पर जांच के लिए पहुंचीं. इनमें से ज्यादातर वाहनों में न कैमरा था, न ही जीपीएस और न ही सीट बेल्ट.

स्कूली बसों और वैन में ये हैं जरूरी बातें

⦁ विद्यालय में संचालित बस/वैन पीले रंग में रंगी हो.
⦁ स्कूली वाहनों में अग्निशामक यंत्र लगा होना चाहिए.
⦁ स्कूली वाहनों में आगे और पीछे भाग में स्कूल वाहन लिखा होना चाहिए.
⦁ बस/वैन के दोनों तरफ विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए.
⦁ वाहन के पीछे हिस्से में एक आपातकालीन निकास खिड़की हो.
⦁ आपातकालीन निकास खिड़की के साथ शीशे को तोड़ने की पर्याप्त व्यवस्था हो.
⦁ वाहन के दरवाजों में ताले लगे होने चाहिए.
⦁ लोकेशन ट्रैकिंग और सीसीटीवी डिवाइस लगी होनी चाहिए.
⦁ सीएनजी चालित वैन में सिलेंडर के ऊपर सीट नहीं होनी चाहिए.
⦁ आपात स्थिति में प्रयोग किए जाने के लिए अलार्म घंटी और सायरन होना चाहिए.

ये भी पढ़ें: दोस्ती की मिसाल हैं जंगली भालू, जो बाबा की एक आवाज पर चले आते हैं दौड़े

आरटीओ कार्यालय में रविवार को कैंप लगाया गया, जिसमें 26 स्कूली बसें और 25 स्कूली वैन आई थीं. स्कूली वाहनों में सीसीटीवी, जीपीएस, सीट बेल्ट, सायरन और अलार्म घंटी नहीं पाई गई. इनकी रिपोर्ट तैयार करके कल प्रवर्तन दस्तों को दी जाएगी. इसके बाद इन सब पर कार्रवाई होगी.
- संजय गुप्ता, आरआई (टेक्निकल)

लखनऊ: स्कूली वाहन चालक न्यायालय के नियमों का उल्लंघन कर मनमाने ढंग से वाहनों का संचालन कर रहे हैं. न्यायालय ने सभी स्कूली बसों और वैन को कैमरे और जीपीएस से लैस करने का निर्देश दिया था. रविवार को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के फिटनेस ग्राउंड में जांच के लिए पहुंचे 90 फीसदी स्कूल वाहन फेल हो गए. 14 प्वॉइंट पर स्कूल वैन तो 26 प्वॉइंट पर स्कूली बसों की जांच की गई. ज्यादातर स्कूल वाहन उत्तर प्रदेश मोटरयान (26वां संशोधन) नियमावली 2019 में शामिल विशेष उपबंधों का पालन नहीं कर रहे हैं.

फिटनेस जांच में फेल हुए 80 से 90 फीसदी स्कूल वाहन.

न्यायालय ने परिवहन विभाग को नियमावली बनाने के लिए जारी किए थे आदेश

2019 में न्यायालय ने स्कूल वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग को नियमावली बनाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश मोटरयान (26वां संशोधन) कर नई नियमावली तैयार की गई. सभी स्कूली वाहन स्वामियों को निर्देश जारी किए गए थे कि नियमावली में जो विशेष उपबंध किए गए हैं, उन सभी का पालन हो. लेकिन हकीकत यही है कि स्कूली वाहन स्वामी नियमावली का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. रविवार को स्कूली बसों और वैन की जांच के लिए कैम्प आयोजित किया गया. 25 स्कूल वैन और 26 बसें यहां पर जांच के लिए पहुंचीं. इनमें से ज्यादातर वाहनों में न कैमरा था, न ही जीपीएस और न ही सीट बेल्ट.

स्कूली बसों और वैन में ये हैं जरूरी बातें

⦁ विद्यालय में संचालित बस/वैन पीले रंग में रंगी हो.
⦁ स्कूली वाहनों में अग्निशामक यंत्र लगा होना चाहिए.
⦁ स्कूली वाहनों में आगे और पीछे भाग में स्कूल वाहन लिखा होना चाहिए.
⦁ बस/वैन के दोनों तरफ विद्यालय का नाम अंकित होना चाहिए.
⦁ वाहन के पीछे हिस्से में एक आपातकालीन निकास खिड़की हो.
⦁ आपातकालीन निकास खिड़की के साथ शीशे को तोड़ने की पर्याप्त व्यवस्था हो.
⦁ वाहन के दरवाजों में ताले लगे होने चाहिए.
⦁ लोकेशन ट्रैकिंग और सीसीटीवी डिवाइस लगी होनी चाहिए.
⦁ सीएनजी चालित वैन में सिलेंडर के ऊपर सीट नहीं होनी चाहिए.
⦁ आपात स्थिति में प्रयोग किए जाने के लिए अलार्म घंटी और सायरन होना चाहिए.

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आरटीओ कार्यालय में रविवार को कैंप लगाया गया, जिसमें 26 स्कूली बसें और 25 स्कूली वैन आई थीं. स्कूली वाहनों में सीसीटीवी, जीपीएस, सीट बेल्ट, सायरन और अलार्म घंटी नहीं पाई गई. इनकी रिपोर्ट तैयार करके कल प्रवर्तन दस्तों को दी जाएगी. इसके बाद इन सब पर कार्रवाई होगी.
- संजय गुप्ता, आरआई (टेक्निकल)

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