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लोहिया संस्थान में शिक्षक भर्ती में घोटाला, ऑनलाइन असेसमेंट के नाम पर फर्जीवाड़ा - लखनऊ खबर

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लोहिया संस्थान में संविदा शिक्षक की भर्ती में आरक्षण के नियमों को दरकिनार ऑनलाइन असेसमेंट के नाम पर अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया. इतना ही नहीं स्क्रीनिंग समिति पर भी सवाल उठे हैं. वहीं लोहिया संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. श्रीकेश सिंह ने किसी भी फर्जीवाड़े को गलत बताया है.

लोहिया संस्थान में शिक्षक भर्ती में घोटाला
लोहिया संस्थान में शिक्षक भर्ती में घोटाला
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Published : Apr 7, 2021, 9:34 AM IST

Updated : Apr 7, 2021, 10:10 AM IST

लखनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में संविदा शिक्षक की भर्ती में अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं. यहां मेडिकल संकाय में जहां आरक्षण रोस्टर में घपला किया गया, वहीं दंत चिकित्सकों की भर्ती में ऑनलाइन असेसमेंट के बहाने जमकर फर्जीवाड़ा किया गया. आरोप हैं कि 'अपनों' को इंट्री देने के लिए कई अभ्यर्थियों को बुधवार को साक्षात्कार प्रक्रिया से ही बाहर कर दिया गया.

लोहिया संस्थान में प्रांतीय चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति खत्म होने के बाद एमबीबीएस की मान्यता पर संकट खड़ा हो रहा है. ऐसे में शिक्षकों के मानक पूरा करने के लिए आनन-फानन में संविदा पर भर्ती शुरू की गई. इसमें दंत चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर भर्ती होनी है. फरवरी में निकले विज्ञापन पर 40 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए. वहीं, बुधवार को होने वाले साक्षात्कार के लिए मंगलवार को सिर्फ 19 अभ्यर्थी को मेल पहुंची. ऐसे में अभ्यर्थियों ने जब संस्थान को कॉल किया तो पता चला एक ऑनलाइन असेसमेंट किया गया, जिसके आधार पर अभ्यर्थियों की छंटनी की गई. वहीं बाहर किए गए अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन असेसमेंट की किसी भी प्रक्रिया की जानकारी से इनकार किया है.

बवाल बढ़ने पर एक और अभ्यर्थी को इंटरव्यू के लिए माना वैध
अभ्यर्थियों के मुताबिक, संस्थान प्रशासन ने दावा किया अभ्यर्थी अधिक होने की वजह से सभी आवेदनकर्ताओं को मेल किया गया. उनका ऑनलाइन असेसमेंट किया गया. आरोप है कि यह मेल सभी के पास नहीं पहुंचा. वहीं ऑनलाइन असेसमेंट में बाहर किए गए अभ्यर्थी को डिसक्वालीफाई करने का कारण नहीं बताया गया. जबकि कारण बताकर सम्बंधित अभ्यर्थी के आवेदन के लिहाज से आवश्यक दस्तावेज मंगवाकर उसे साक्षात्कार में शामिल किया जाता है. इस भर्ती मामले में पारदर्शी प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों की छंटनी कर दी गई. ऐसे में एक अभ्यर्थी ने मामले की शिकायत शासन तक की. जिसके बाद अफसरों के पास रात में ही फोन आने लगे, लिहाजा उन लोगों ने उस एक अभ्यर्थी को इंटरव्यू के लिए बुलाने पर सहमति जताई. ऐसी स्थित में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है.

इसे भी पढ़ें- UP SIT ने भर्ती घोटाले में 11 को दबोचा, 44 लाख रुपये भी बरामद


17 विभागों में आरक्षण नियमों को किया गया दरकिनार
लोहिया संस्थान में सर्जरी, पीडियाट्रिक, फिजियोलॉजी सहित 17 विभागों में 34 डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है. इसमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं. संविदा के आधार पर हो रही इस नियुक्ति में आरक्षण के नियमों में धांधली के आरोप हैं. वहीं इंटरव्यू कमेटी तीन से चार एक्सपर्ट की कमेटी बनती है. संस्थान में सिंगल एक्सपर्ट से भी भर्ती पर मुहर लग रही है. इन सब खामियों की मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है.

इसे भी पढ़ें- केजीएमयू शिक्षक भर्ती घोटाले में राजभवन में कुलपति तलब

संस्थान में संविदा पर शिक्षक भर्ती चल रही है. इसके लिए पूरी कमेटी बनी है. आरक्षण नियमों को दरकिनार नहीं किया गया. साथ ही डेंटल में ऑनलाइन असेसमेंट में फर्जीवाड़ा के आरोप गलत है.
-डॉ. श्रीकेश सिंह, मीडिया प्रभारी, लोहिया संस्थान

लखनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में संविदा शिक्षक की भर्ती में अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं. यहां मेडिकल संकाय में जहां आरक्षण रोस्टर में घपला किया गया, वहीं दंत चिकित्सकों की भर्ती में ऑनलाइन असेसमेंट के बहाने जमकर फर्जीवाड़ा किया गया. आरोप हैं कि 'अपनों' को इंट्री देने के लिए कई अभ्यर्थियों को बुधवार को साक्षात्कार प्रक्रिया से ही बाहर कर दिया गया.

लोहिया संस्थान में प्रांतीय चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति खत्म होने के बाद एमबीबीएस की मान्यता पर संकट खड़ा हो रहा है. ऐसे में शिक्षकों के मानक पूरा करने के लिए आनन-फानन में संविदा पर भर्ती शुरू की गई. इसमें दंत चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर भर्ती होनी है. फरवरी में निकले विज्ञापन पर 40 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए. वहीं, बुधवार को होने वाले साक्षात्कार के लिए मंगलवार को सिर्फ 19 अभ्यर्थी को मेल पहुंची. ऐसे में अभ्यर्थियों ने जब संस्थान को कॉल किया तो पता चला एक ऑनलाइन असेसमेंट किया गया, जिसके आधार पर अभ्यर्थियों की छंटनी की गई. वहीं बाहर किए गए अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन असेसमेंट की किसी भी प्रक्रिया की जानकारी से इनकार किया है.

बवाल बढ़ने पर एक और अभ्यर्थी को इंटरव्यू के लिए माना वैध
अभ्यर्थियों के मुताबिक, संस्थान प्रशासन ने दावा किया अभ्यर्थी अधिक होने की वजह से सभी आवेदनकर्ताओं को मेल किया गया. उनका ऑनलाइन असेसमेंट किया गया. आरोप है कि यह मेल सभी के पास नहीं पहुंचा. वहीं ऑनलाइन असेसमेंट में बाहर किए गए अभ्यर्थी को डिसक्वालीफाई करने का कारण नहीं बताया गया. जबकि कारण बताकर सम्बंधित अभ्यर्थी के आवेदन के लिहाज से आवश्यक दस्तावेज मंगवाकर उसे साक्षात्कार में शामिल किया जाता है. इस भर्ती मामले में पारदर्शी प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमाने तरीके से अभ्यर्थियों की छंटनी कर दी गई. ऐसे में एक अभ्यर्थी ने मामले की शिकायत शासन तक की. जिसके बाद अफसरों के पास रात में ही फोन आने लगे, लिहाजा उन लोगों ने उस एक अभ्यर्थी को इंटरव्यू के लिए बुलाने पर सहमति जताई. ऐसी स्थित में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है.

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17 विभागों में आरक्षण नियमों को किया गया दरकिनार
लोहिया संस्थान में सर्जरी, पीडियाट्रिक, फिजियोलॉजी सहित 17 विभागों में 34 डॉक्टरों की नियुक्ति की जा रही है. इसमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं. संविदा के आधार पर हो रही इस नियुक्ति में आरक्षण के नियमों में धांधली के आरोप हैं. वहीं इंटरव्यू कमेटी तीन से चार एक्सपर्ट की कमेटी बनती है. संस्थान में सिंगल एक्सपर्ट से भी भर्ती पर मुहर लग रही है. इन सब खामियों की मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है.

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संस्थान में संविदा पर शिक्षक भर्ती चल रही है. इसके लिए पूरी कमेटी बनी है. आरक्षण नियमों को दरकिनार नहीं किया गया. साथ ही डेंटल में ऑनलाइन असेसमेंट में फर्जीवाड़ा के आरोप गलत है.
-डॉ. श्रीकेश सिंह, मीडिया प्रभारी, लोहिया संस्थान

Last Updated : Apr 7, 2021, 10:10 AM IST
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