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ठंड से ऐसे बचाएं आलू की फसल

उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में आलू की फसल अधिक उगाई जाती है. ठंड में आलू की फसल को कैसे बचाई जाए, इस बारे में कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार ने विशेष जानकारी दी...

ठंड से ऐसे बचाएं आलू की फसल
ठंड से ऐसे बचाएं आलू की फसल
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Published : Jan 5, 2021, 8:33 AM IST

लखनऊ : कम लागत में अधिक आलू की उपज प्राप्त करने के लिए किसान भाई आलू की खेती सबसे अधिक करते हैं. एक एकड़ जमीन में 25 हजार की लागत पर एक लाख रुपये की बचत होती है. लेकिन ठंड में आलू की फसल का किसानों को प्रतिदिन निगरानी करनी पड़ती है, क्योंकि वातावरण में आर्द्रता अधिक होने और प्रकाश नहीं होने के कारण आलू की फसल खराब हो सकती है. ठंड में आलू की फसल कैसे बचाई जाए इस बारे में कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार ने खास जानकारी दी.

ठंड से बचाएं आलू की फसल.

चिप्सोना प्रजाति की आलू अधिक उगाई जाती है

लखनऊ-सीतापुर रोड बख्शी तालाब निवासी कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वातावरण में आर्द्रता अधिक होने और प्रकाश न होने के कारण आलू की फसल पर पछेती झुलसा का अधिक प्रकोप हो जाता है. प्रदेश के लगभग सभी तहसीलों में आलू की चिप्सोना प्रजाति बहुत अधिक उगाई जाती है. इस वर्ष आलू का बीज महंगा होने के कारण भी किसानों ने पिछले साल से अधिक बुआई का कार्य किया है, जिससे अच्छे उत्पादन की संभावना है. उन्होंने बताया कि कोहरा आलू की फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इन दिनों में सफेद मक्खी और माहू का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है. सफेद मक्खी एवं माहू पत्तियों से रस को चूस जातीं हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है. इसका समय से प्रबंधन बहुत जरूरी है.

आलू की फसल.
आलू की फसल.

पछेती झुलसा से फसल को बचाने के उपाय

डॉ. सिंह ने बताया कि आलू पर लगने वाले पछेती झुलसा को प्रबंधित करने के लिए 45 की 3 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. यह ध्यान रहे कि छिड़काव ओस खत्म हो जाने के बाद ही किया जाए. सफेद मक्खी और माहू को रोकने के लिए वाईपर प्लस नामक कीटनाशक का छिड़काव किया जाए. इसके लिए 2ml कीटनाशक को एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. जब आलू 70 दिन का हो जाए तो 80 किलो ग्राम यूरिया के साथ 10 किलो ग्राम सल्फर प्रति एकड़ में छिड़काव करें. इससे आलू का उत्पादन अच्छा और आकार एक समान होगा. 45 ग्राम डाइथेन को पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए, इससे पछेती झुलसा का प्रकोप खत्म हो जाएगा. जब फसल 100 दिन की हो जाए तो उसके तने की कटाई भी जरूर करें, उसके कुछ दिन बाद आलू की खुदाई करें.


धान गेहूं व अन्य फसलों की अपेक्षा आलू की खेती काफी लाभकारी होती है. इसमें ज्यादा उत्पादन और ज्यादा बचत है. ठंड के मौसम में आलू के फसल की अधिक देखभाल करनी पड़ती है. इसके बचाव को लेकर किसानों को भी काफी मेहनत करनी पड़ती है. हालांकि, फसलों की जानकारी को लेकर समय-समय पर किसान विशेषज्ञों से राय लेते रहते हैं. आलू की फसल में पानी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. अगर पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं है, तो आलू की खेती करना लाभदायक नहीं होगा.

-सुनील, किसान

लखनऊ : कम लागत में अधिक आलू की उपज प्राप्त करने के लिए किसान भाई आलू की खेती सबसे अधिक करते हैं. एक एकड़ जमीन में 25 हजार की लागत पर एक लाख रुपये की बचत होती है. लेकिन ठंड में आलू की फसल का किसानों को प्रतिदिन निगरानी करनी पड़ती है, क्योंकि वातावरण में आर्द्रता अधिक होने और प्रकाश नहीं होने के कारण आलू की फसल खराब हो सकती है. ठंड में आलू की फसल कैसे बचाई जाए इस बारे में कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार ने खास जानकारी दी.

ठंड से बचाएं आलू की फसल.

चिप्सोना प्रजाति की आलू अधिक उगाई जाती है

लखनऊ-सीतापुर रोड बख्शी तालाब निवासी कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वातावरण में आर्द्रता अधिक होने और प्रकाश न होने के कारण आलू की फसल पर पछेती झुलसा का अधिक प्रकोप हो जाता है. प्रदेश के लगभग सभी तहसीलों में आलू की चिप्सोना प्रजाति बहुत अधिक उगाई जाती है. इस वर्ष आलू का बीज महंगा होने के कारण भी किसानों ने पिछले साल से अधिक बुआई का कार्य किया है, जिससे अच्छे उत्पादन की संभावना है. उन्होंने बताया कि कोहरा आलू की फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इन दिनों में सफेद मक्खी और माहू का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है. सफेद मक्खी एवं माहू पत्तियों से रस को चूस जातीं हैं, जिससे फसल खराब हो जाती है. इसका समय से प्रबंधन बहुत जरूरी है.

आलू की फसल.
आलू की फसल.

पछेती झुलसा से फसल को बचाने के उपाय

डॉ. सिंह ने बताया कि आलू पर लगने वाले पछेती झुलसा को प्रबंधित करने के लिए 45 की 3 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. यह ध्यान रहे कि छिड़काव ओस खत्म हो जाने के बाद ही किया जाए. सफेद मक्खी और माहू को रोकने के लिए वाईपर प्लस नामक कीटनाशक का छिड़काव किया जाए. इसके लिए 2ml कीटनाशक को एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. जब आलू 70 दिन का हो जाए तो 80 किलो ग्राम यूरिया के साथ 10 किलो ग्राम सल्फर प्रति एकड़ में छिड़काव करें. इससे आलू का उत्पादन अच्छा और आकार एक समान होगा. 45 ग्राम डाइथेन को पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए, इससे पछेती झुलसा का प्रकोप खत्म हो जाएगा. जब फसल 100 दिन की हो जाए तो उसके तने की कटाई भी जरूर करें, उसके कुछ दिन बाद आलू की खुदाई करें.


धान गेहूं व अन्य फसलों की अपेक्षा आलू की खेती काफी लाभकारी होती है. इसमें ज्यादा उत्पादन और ज्यादा बचत है. ठंड के मौसम में आलू के फसल की अधिक देखभाल करनी पड़ती है. इसके बचाव को लेकर किसानों को भी काफी मेहनत करनी पड़ती है. हालांकि, फसलों की जानकारी को लेकर समय-समय पर किसान विशेषज्ञों से राय लेते रहते हैं. आलू की फसल में पानी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है. अगर पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं है, तो आलू की खेती करना लाभदायक नहीं होगा.

-सुनील, किसान

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