लखनऊ : राजधानी की सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र के भटगांव में 110 बीघा सरकारी जमीन राजस्व रिकार्ड में हेर फेर कर बेचने के मामले में 30 से अधिक अधिकारियों की संलिप्ता सामने आई है. इन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में पांच पीसीएस अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध बताई गई है. ये सभी अधिकारी वर्ष 2020 से 2022 के बीच सरोजनीनगर तहसील में तैनात रहे.
सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों शासन ने जिला प्रशासन से सरोजनीनगर में 110 बीघा जमीन घोटाले में शामिल अधिकारियों के नाम तलब किए थे. इसके बाद जिला प्रशासन ने अधिकारियों की सूची भेज दी है. सूची में पांच पीसीएस अफसरों के साथ ही लेखपाल, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, बाबू और रिकॉर्ड रूम केयर टेकर दोषी पाए गए हैं. दोषी पाए गए एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई शासन से होनी है जो नियुक्ति विभाग करेगा. जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक जांच में दोषी पाए गए एसडीएम और एसीएम स्तर के पीसीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नियुक्ति विभाग से होनी है. वहीं, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार के खिलाफ राजस्व परिषद से कार्रवाई होगी. इसकी जांच प्रयागराज मंडलायुक्त को दी गई है. बाबू और रिकॉर्ड रूम केयर टेकर के खिलाफ कार्रवाई जिला प्रशासन खुद करेगा.
बता दें, सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र के अधिकतर गांवों में भूमाफिया हावी हैं. शहर के करीब होने के चलते यहां जमीनों के रेट आसमान छू रहे हैं. इसी का फायदा उठाने में राजस्वकर्मी नहीं चूक रहे हैं. हाल ही में अमौसी गांव की जमीन को हेरफेर कर अपने बेटे के नाम करने के मामले में लेखपाल सुशील शुक्ला समेत कई लोगों में एफआईआर दर्ज की गई है. ऐसे ही न जाने कितने मामले तहसील न्यायालय के अलावा सिविल अदालतों में हैं. इनमें अधिकतर मामले राजस्व कर्मचारियों की गलत और मनमानी कार्रवाई के कारण अदालतों तक पहुंचे हैं
यह भी पढ़ें : बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला: आरोपी सुजय कृष्ट भद्र को ईडी ने गिरफ्तार किया