लखनऊ: राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में करोड़ों की लागत से साल 2018 में बनकर तैयार हुआ था सारथी भवन. अभी इस भवन में लर्निंग लाइसेंस का काम शुरू हुए डेढ़ साल भी पूरा नहीं हुआ, लेकिन सारथी भवन की इमारत दरकने लगी है और खिड़कियों के शीशे चटकने लगे हैं. सारथी भवन के निर्माण में भ्रष्टाचार का दीमक लगा हुआ है, इसीलिए अब इसकी दीवारें दरकना शुरू हुई हैं और शीशे टूटना.
शीशे से चोटिल होने से बाल-बाल बचे आवेदक
गुरुवार दोपहर जब कार्यालय में आवेदक लर्नर लाइसेंस बनवाने जुट रहे थे. उसी समय अचानक खिड़की का शीशा टूट कर बिखर गया. कई आवेदक बाल-बाल बच गए. अगर इससे पहले भी कई खिड़कियों के शीशे टूट कर बिखर चुके हैं. जिम्मेदार शीशे के टूटने की वजह इसमें लगे मैटेरियल का सूख जाना बता रहे हैं. बल्कि असलियत यह है कि तमाम बिल्डिंगों में खिड़कियों में इस तरह के शीशे लगे हुए हैं, लेकिन उनमें शीशे टूटने की खबरें बहुत ही कम सुनने में आती हैं.
फिलहाल गुरुवार को जब खिड़की का शीशा टूट कर गिरा तो यह जरूर तय हो गया कि बिल्डिंग के निर्माण और साजो सामान में गड़बड़ी जरूर की गई है. नहीं तो जिस बिल्डिंग के निर्माण और साज-सज्जा पर 172.24 लाख रुपये का खर्चा हुआ हो भला उसके शीशे इतनी जल्दी कैसे टूटने शुरू हो सकते हैं और कैसे बिल्डिंग दरकना शुरू हो गई है.
दरकती सारथी भवन की इमारत, सरकार की खोल रही पोल
इस बिल्डिंग का निर्माण भी समाज कल्याण निगम ने किया है जो सरकारी बिल्डिंगों को बनाने का काम करती है. जब बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था उस समय वर्ष 2015 में सपा सरकार में परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने पर इसके निर्माण पर रोक भी लगा दी थी. इससे काफी दिन तक निर्माण कार्य बाधित भी रहा था. जब भाजपा सरकार के दौरान फिर से बिल्डिंग का काम शुरू हुआ और दिसंबर 2018 में इस बिल्डिंग में लर्नर लाइसेंस का काम प्रारंभ हुआ.
जो भी शीशा टूटा है उसे लगवाया जा रहा है, साथ ही जितने शीशे भवन में लगे हैं, उनको भी चेक किया जा रहा है जिससे इस तरह की घटना फिर से न हो.
संजय तिवारी, एआरटीओ