लखनऊ: कैंसर का नाम जुबान पर आते ही लोग सहम जाते हैं, क्योंकि एक तो इतनी खतरनाक बीमारी और ऊपर से इसका महंगा इलाज. अगर घर में किसी बच्चे को कैंसर हो तो परेशानियां और बढ़ जाती हैं. ऐसे में इन पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए सपना उपाध्याय मसीहा बनकर उभरी हैं. दरअसल सपना कैंसर पीड़ित बच्चों के परिवारों की मदद करने और उन्हें रोजगार देने का काम कर रहीं हैं.
सपना उपाध्याय ने कैंसर पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए 2004 में मुहिम शुरू की थी. इस मुहिम को धरातल पर उतारने के लिए 2005 में उन्होंने ईश्वर चाइल्ड वेलफेयर फाउंडेशन नाम की एक एनजीओ भी बनाई. इसकी मदद से वह आर्थिक रूप से कमजोर कैंसर पीड़ित बच्चों के परिवारों के रोजगार देने का काम करती हैं. इसके अलावा वह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रतिदिन राशन, फल, दवाई और भोजन वितरण करती हैं.
सपना का कहना है कि कैंसर का इलाज करवाना अब उतना मुश्किल नहीं रहा है जितना कि लोग सोचते हैं, लेकिन फिर भी इलाज के बाद कैंसर पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो जाती है. ऐसे में यदि उन परिवारों में किसी एक व्यक्ति को भी रोजगार दिलाया जाए तो यह उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सहायक होगा. इस क्रम में उन परिवारों की महिलाओं को जोड़कर सपना उन्हें सिलाई से जुड़ा काम, क्राफ्ट और कॉस्मेटिक्स, आभूषण से जुड़ी चीजें बनाना सिखाती हैं.
बता दें कि क्राफ्ट में आपके घर की साज-सज्जा के सामान से लेकर इस्तेमाल करने वाली चीजें तक शामिल होती हैं और यह चीजें आपके घर में पड़े खराब समान से बनाई जाती हैं. इस तरह सपना उपाध्याय कैंसर पीड़ित परिवारों के लिए मानसिक और आर्थिक रूप से मदद कर रही हैं.