लखनऊः अयोध्या में बीते डेढ़ सालों से राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण कराया जा रहा है. इस मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट द्वारा बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद हुई है. इन जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप आम आदमी पार्टी के सांसद और प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह लगातार लगा रहे हैं. संजय सिंह ने शनिवार को फिर कुछ दस्तावेज को पेश करके रामचंद्र कोर्ट क्षेत्र में खरीदी गई जमीन में भारी अनियमितता का आरोप भाजपा और चंपत राय के ऊपर लगाया है.
ETV BHARAT से एक्सक्लूसिव बातचीत में संजय सिंह ने बताया कि रामचंद्र कोर्ट में 14.80 लाख मालियत की जमीन को महंत देवेंद्र प्रसाद से 10 लाख रुपये में जगदीश प्रसाद द्वारा खरीदी गई. वहीं, दूसरी जमीन जो 35.7 लाख की थी उसे 20 लाख में मेयर के भतीजे दीप नारायण ने खरीदी गई थी. जबकि इन्हीं जमीनों को राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट द्वारा 1.60 करोड़ की जमीन को 4 करोड़ में खरीदा गया है. संजय सिंह ने कहा कि 3 गुना अधिक दाम पर यह जमीन खरीद कर भाजपा ने चंदा चोरी का काम किया है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी 2 करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में खरीदा गया था. इस तरह भाजपा मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा चोरी का काम कर रही है. भाजपा चंदा चोरों के पक्ष में खड़ी है.
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भाजपा जांच कराने से क्यों भाग रही?
सांसद संजय सिंह ने भाजपा के ऊपर मंदिर के नाम पर जनता से लिए गए चंदे की चोरी का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी केवल पलटवार तो कर रही है लेकिन अगर इस मामले की जांच क्यों नहीं कराती है .वहींं, उन्होंने अयोध्या के मेयर और उनके भतीजे दीपनारायण की संपत्ति की जांच कराने की भी मांग की. संजय सिंह ने कहा की राम जन्म भूमि ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग मैं ही नहीं बल्कि खुद अयोध्या के महंत धर्मदास हनुमानगढ़ी के पुजारी और शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी कर रहे हैं. जबकि जांच कराने के नाम से भाजपा भाग रही है, क्योंकि इस मामले में भाजपा खुद फंस रही है. इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करके इसकी जांच होनी चाहिए. संजय सिंह ने भाजपा ने 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है और खुलेआम चंदा चोरी की है. अगर मामला झूठा है तो मुझ पर क्यों नहीं मानहानि का मुकदमा कराया गया. वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अभी तक क्यों मौन हैं.