लखनऊः आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुधवार को नया खुलासा करते हुए कहा कि रामजन्म भूमि ट्रस्ट (Ram Janmabhoomi Trust) को बेची गई जमीन का एग्रीमेंट 18 मार्च 2021 को कैंसिल हो गया था. ट्रस्ट चाहता तो सीधे हरीश और कुसुम पाठक से बात कर जमीन खरीद सकता था, जिससे 16:30 करोड़ रुपये बच जाते. लेकिन भ्रष्टाचार के लिए रवि मोहन तिवारी का नाम बाद में शामिल किया गया.
एग्रीमेंट में नहीं शामिल है रवि मोहन तिवारी का नाम
संजय सिंह ने कहा कि जमीन बेचने से पहले किए गए एग्रीमेंट में पहला पक्ष हरीश पाठक व कुसुम पाठक और दूसरा पक्ष इच्छा राम सिंह, विश्व प्रताप उपाध्याय, मनीष कुमार, सूबेदार दुबे, बलराम यादव, राजेंद्र प्रसाद यादव, रविंद्र कुमार दुबे, सुल्तान अंसारी और राशिद हुसैन हैं, इसमें रवि मोहन तिवारी का नाम ही नहीं है. एग्रीमेंट कैंसिल होने के बाद 18 मार्च को ही पहले 2 करोड़ रुपये में सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने शाम 7ः10 बजे जमीन खरीदी. इसके बाद शाम 7.15 बजे इसे 18.50 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेच दी.
चंदा चोरी के खिलाफ आवाज उठाएं राम भक्त
संजय सिंह ने कहा कि मैं देश के करोड़ों राम भक्तों से अपील करता हूं कि इन चंदा चोरों को पहचानिए और इनके खिलाफ आवाज उठाइए. आम आदमी पार्टी चाहती हैं कि राम का मंदिर (Ram Mandir) जल्द बने, लेकिन चंदे की चोरी, भ्रष्टाचार और राम के नाम पर पैसे की लूट करने वाले इसमें बांधक बन रहे हैं।
राम भक्तों से माफी मांगे भाजपा और ट्रस्ट के लोग
संजय सिंह ने कहा कि मंदिर के लिए चंदा देने वाले देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था किसी चंपत राय या प्राॅपर्टी डीलर में नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम में है. प्रभु श्रीराम के मंदिर के नाम पर जो 16.50 करोड़ रुपये की लूट की गई, उन पर कार्रवाई करने के बजाय पूरी की पूरी भारतीय जनता पार्टी प्रॉपर्टी डीलर्स, चंदा चोरों और भ्रष्टाचारियों के पक्ष में खड़ी हो गई है.
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भाजपा बताएं यह रिश्ता क्या कहलाता है
संजय सिंह ने सवाल चंपत राय और भाजपा से एक सवाल का जवाब मांगा कि रवि मोहन तिवारी और भारतीय जनता पार्टी के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के बीच में क्या रिश्ता है? अगर नहीं बता सकते तो कल हम बताएंगे. संजय सिंह ने कहा कि ट्रस्ट को जमीन बेचने वाले रवी मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी के खातों की जांच होनी चाहिए. 18 मार्च 2021 को जो 17 करोड़ रुपये उनके खातों में गया, वह पैसा क्या हुआ, कहां-कहां ट्रांसफर हुआ. वे ट्रस्ट को साढ़े 16 करोड़ रुपये वापस करें अन्यथा उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि भाजपा के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि वह प्रॉपर्टी डीलर के पक्ष में खड़े हो गए हैं. उन्होंने कहा कि एग्रीमेंट कैंसिल हो गया था इसलिए बाय नाम है मैं उसका जिक्र नहीं हुआ.