गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम के न्यू शांति नगर की रहने वाली संगीता राघव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देश में दूसरा स्थान पाकर शहर का नाम रोशन किया है. हालांकि कुछ वर्षों पहले तक संगीता को इस सफलता तो क्या इस परीक्षा में बैठने की उम्मीद भी नहीं थी. उन्होंने उस समय सोचा भी नहीं था कि वह इस तरह की परीक्षा में बैठेंगी. देश में दूसरा रैंक पाने के बाद संगीता के परिवार में खुशी का माहौल है.
योग और ध्यान ने बदली संगीता राघव की जिंदगी
इस मौके पर संगीता राघव ने कहा कि तीन वर्ष पहले तक वह अपना जीवन का लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पा रही थी, जिसके बाद वह योग और ध्यान से जुड़ी और उन्होंने काफी बदलाव महसूस किया. आत्मविश्वास से लेकर सकारात्मक सोच ने उनको दुनिया देखने का एक अलग नजरिया दिया. इसलिए अपनी सफलता का पहला श्रेय वह योग को देना चाहती हैं.
संगीता राघव ने कहा कि एक अधिकारी के तौर पर जो भी ड्यूटी मिलेगी, वो तो निभाएंगी ही. इसके अलावा बच्चों के न्यूट्रिशन को लेकर अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक काम करना चाहती हैं. इसके साथ ही महिला सुरक्षा और योग को लेकर भी वह काम करेंगी. उनका कहना है कि इन क्षेत्रों में काम करने की काफी आवश्यता है.
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संगीता राघव ने बताया कि वो बचपन से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर रही हैं, इसलिए संगीता ने 2015 से अपनी सोशल लाइफ एकदम खत्म कर दी थी. न दोस्तों से ज्यादा मिलना और न ही किसी पारिवारिक समारोह का हिस्सा बनना. संगीता राघव ने बताया कि उन्होंने यूपीपीसीएस की परीक्षा 2017 में भी दी थी, लेकिन उस समय उन्होंने इतनी तैयारी नहीं की, जिसके बाद 2018 में उन्होंने यूपीपीसीएस-प्री का एग्जाम दिया. जिसका रिजल्ट आने के बाद 2019 में यूपीपीसीएस मेन का एग्जाम हुआ और 2020 अगस्त में इंटरव्यू में उनका सिलेक्शन हुआ.
'परिवार ने हमेशा दिया साथ'
संगीता ने बताया कि परिवार ने कभी भी क्यों, क्या, कैसे जैसे कोई भी सवाल नहीं किए. शादी के लिए आस-पास के लोग और रिश्तेदार कहते रहते थे, लेकिन पिता ने हमेशा कहा कि बच्ची अभी तैयारी कर रही है, तो इसलिए शादी का दबाव उसे नहीं देंगे. वहीं ये भी बता दें कि उनकी बड़ी बहन भी यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं और छोटे भाई ने अभी आईआईटी से मास्टर की पढ़ाई पूरी की है.