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स्ट्रेन टू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जांच के लिए 10 लोगों के सैंपल भेजे गए दिल्ली

यूनाइटेड किंगडम वापस लौटे यात्रियों की लगातार जांच कराई जा रही है. 8 दिसंबर के बाद राजधानी पहुंचे 138 यात्रियों में से 117 की जांच कराई जा चुकी है. जिनमें से 114 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है 3 लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग है. वहीं 21 यात्री राजधानी से बाहर है. वहीं मेरठ की एक बच्ची के अंदर स्ट्रेन-टू मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई है. यूके से वापस लौटे 10 अन्य कोरोना वायरस संक्रमित के सैंपल स्ट्रेन टू की जांच के लिए भेजे गए हैं.

स्ट्रेन टू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
स्ट्रेन टू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
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Published : Dec 30, 2020, 10:42 AM IST

लखनऊ: यूके से वापस लौटे यात्रियों की लगातार जांच कराई जा रही है. इसी बीच मेरठ में एक बच्ची के अंदर स्ट्रेन-टू मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई है. यूके से वापस लौटे 10 अन्य कोरोना वायरस संक्रमित के सैंपल स्ट्रेन टू की जांच के लिए भेजे गए हैं. भारत सरकार ने यूनाइटेड किंगडम से उत्तर प्रदेश पहुंचे 1655 लोगों की सूची सौंपी थी, जिनमें से 1090 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. अभी तक 565 यात्रियों को चिन्हित नहीं किया गया है. यह यात्री उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में मौजूद हैं. ऐसे में अगर इनमें से किसी के अंदर स्ट्रेन टू मौजूद होगा, तो आने वाले दिनों में स्थिति गंभीर हो सकती है.

ब्रिटेन से आए 117 यात्रियों की कराई गई जांच
8 दिसंबर के बाद राजधानी लखनऊ पहुंचे 138 यात्रियों में से 117 की जांच कराई जा चुकी है. जिनमें से 114 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है 3 लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग है. वहीं 21 यात्री राजधानी लखनऊ से बाहर है. इन यात्रियों के बारे में केंद्र सरकार से जो एड्रेस और फोन नंबर मिला है उस पर यात्री मौजूद नहीं है. लिहाजा, राजधानी लखनऊ के लिए यह 21 यात्री सरदर्द बने हुए हैं. उनके फोन नंबर पर लगातार संपर्क किया जा रहा है. संपर्क न हो पाने से इनकी जांच नहीं हो पाई है. हालांकि राहत की बात क्या है कि राजधानी में अब तक 114 लोगों की जांच रिपोर्ट आई है और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है.

मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर व बरेली में मिले संक्रमित
उत्तर प्रदेश में ब्रिटेन से वापस आए 10 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. जिनके अंदर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की जांच के लिए 10 सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद गौतमबुद्धनगर व बरेली में ब्रिटेन से वापस आए यात्रियों में कोविड-19 पाए गया है. जिनको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. सभी संक्रमित को क्वारंटाइन कर दिया गया है और इनके संपर्क में आने वालों के संदर्भ में जानकारी जुटाई जा रही है. संपर्क में आए हुए सभी लोगों की जांच कराई जा रही है.

यूपी का रिकवरी रेट 96 प्रतिशत
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश में 1121 कोरोनावायरस के नए मामले सामने आए हैं. वही 1369 लोग कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुआ है. वर्तमान में 14344 एक्टिव केस हैं. वहीं अगर रिकवरी रेट की बात करें तो उत्तर प्रदेश में रिकवरी रेट 96 प्रतिशत हो गया है.

प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, में कोविड-19 मामले सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश में लगातार कोविड-19 संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन कुछ जिले हैं जहां पर औसतन कोविड-19 के मामले अधिक हैं. राजधानी लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी में कोविड-19 संक्रमण के अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. यहां पर औसतन 200 मामले सामने आ रहे हैं.

केजीएमयू में होगी स्ट्रेन टू की जांच
प्रमुख सचिव ने बताया कि ब्रिटेन से वापस आने वाले यात्रियों के बाद उनके अंदर कोविड-19 की जांच के लिए सैंपल को दिल्ली भेजा जा रहा है, लेकिन जल्द ही स्ट्रेन टू की जांच राजधानी लखनऊ केजीएमयू में शुरू की जाएगी. स्ट्रेन टू की जांच के लिए मशीन मौजूद है. कुछ संसाधनों की आवश्यकता है, जिसको पूरा कर जल्द ही जांच केजीएमयू में शुरू होगी.

लखनऊ: यूके से वापस लौटे यात्रियों की लगातार जांच कराई जा रही है. इसी बीच मेरठ में एक बच्ची के अंदर स्ट्रेन-टू मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई है. यूके से वापस लौटे 10 अन्य कोरोना वायरस संक्रमित के सैंपल स्ट्रेन टू की जांच के लिए भेजे गए हैं. भारत सरकार ने यूनाइटेड किंगडम से उत्तर प्रदेश पहुंचे 1655 लोगों की सूची सौंपी थी, जिनमें से 1090 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. अभी तक 565 यात्रियों को चिन्हित नहीं किया गया है. यह यात्री उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में मौजूद हैं. ऐसे में अगर इनमें से किसी के अंदर स्ट्रेन टू मौजूद होगा, तो आने वाले दिनों में स्थिति गंभीर हो सकती है.

ब्रिटेन से आए 117 यात्रियों की कराई गई जांच
8 दिसंबर के बाद राजधानी लखनऊ पहुंचे 138 यात्रियों में से 117 की जांच कराई जा चुकी है. जिनमें से 114 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है 3 लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग है. वहीं 21 यात्री राजधानी लखनऊ से बाहर है. इन यात्रियों के बारे में केंद्र सरकार से जो एड्रेस और फोन नंबर मिला है उस पर यात्री मौजूद नहीं है. लिहाजा, राजधानी लखनऊ के लिए यह 21 यात्री सरदर्द बने हुए हैं. उनके फोन नंबर पर लगातार संपर्क किया जा रहा है. संपर्क न हो पाने से इनकी जांच नहीं हो पाई है. हालांकि राहत की बात क्या है कि राजधानी में अब तक 114 लोगों की जांच रिपोर्ट आई है और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है.

मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर व बरेली में मिले संक्रमित
उत्तर प्रदेश में ब्रिटेन से वापस आए 10 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. जिनके अंदर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट की जांच के लिए 10 सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद गौतमबुद्धनगर व बरेली में ब्रिटेन से वापस आए यात्रियों में कोविड-19 पाए गया है. जिनको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. सभी संक्रमित को क्वारंटाइन कर दिया गया है और इनके संपर्क में आने वालों के संदर्भ में जानकारी जुटाई जा रही है. संपर्क में आए हुए सभी लोगों की जांच कराई जा रही है.

यूपी का रिकवरी रेट 96 प्रतिशत
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश में 1121 कोरोनावायरस के नए मामले सामने आए हैं. वही 1369 लोग कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुआ है. वर्तमान में 14344 एक्टिव केस हैं. वहीं अगर रिकवरी रेट की बात करें तो उत्तर प्रदेश में रिकवरी रेट 96 प्रतिशत हो गया है.

प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, में कोविड-19 मामले सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश में लगातार कोविड-19 संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन कुछ जिले हैं जहां पर औसतन कोविड-19 के मामले अधिक हैं. राजधानी लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी में कोविड-19 संक्रमण के अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं. यहां पर औसतन 200 मामले सामने आ रहे हैं.

केजीएमयू में होगी स्ट्रेन टू की जांच
प्रमुख सचिव ने बताया कि ब्रिटेन से वापस आने वाले यात्रियों के बाद उनके अंदर कोविड-19 की जांच के लिए सैंपल को दिल्ली भेजा जा रहा है, लेकिन जल्द ही स्ट्रेन टू की जांच राजधानी लखनऊ केजीएमयू में शुरू की जाएगी. स्ट्रेन टू की जांच के लिए मशीन मौजूद है. कुछ संसाधनों की आवश्यकता है, जिसको पूरा कर जल्द ही जांच केजीएमयू में शुरू होगी.

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