लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नीति (Population policy) का ड्राफ्ट जारी किए जाने पर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने तंज कसा है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने इसे मार्केटिंग इवेंट बताया है. वहीं, सपा सरकार में मंत्री रहे फरीद महफूज किदवई ने जनसंख्या नीति की तारीफ की है.
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सपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या देश के लिए एक बड़ी समस्या है, इसमें कोई दो राय नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में 7 साल और उत्तर प्रदेश में साढ़े 4 साल से सरकार की है. भाजपा ने अब तक जनता के लिए कोई काम तो किया नहीं है. अब तक केंद्र और प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं का समाधान तो किया नहीं है. जबकि अब जब उत्तर प्रदेश में चुनाव आ गया है तो जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार सिर्फ मार्केटिंग इवेंट करने के लिए जनसंख्या नीति ला रही है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है. जनता ये सब समझ रही है.
वहीं, बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा से पूर्व विधायक फरीद महफूज किदवई ने रविवार को कहा कि जनसंख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसे रुकना चाहिए. लेकिन इसके लिए नीयत साफ हो. उन्होंने कहा कि भाजपा अब हर वो काम कर रही है जिससे वोट बढ़े. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में भाजपा ने मनमानी की. सपा प्रत्याशियों और सदस्यों पर जमकर दबाव बनाया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा जिस तरीके का खेल खेला जा रहा है, इस तरह तो देश में डेमोक्रेसी नाम की चीज नहीं रह जायेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी का उद्देश्य वर्तमान कांस्टीट्यूशन को खत्म करना और अपना कांस्टीट्यूशन लागू करना है.
ये है जनसंख्या नीति ड्राफ्ट
बता दें कि योगी सरकार ने नई पॉपुलेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट को जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस जनसंख्या नीति में मुख्य रूप से दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. ड्राफ्ट के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और पदोन्नति का मौका नहीं मिलेगा. इसके साथ ही दो से अधिक बच्चे होने वालों को राज्य सरकार की 70 से अधिक सरकारी योजनाओं व अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान ड्राफ्ट में किया गया है. इसके साथ ही स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. दो बच्चे से अधिक होने पर उन्हें स्थानीय निकाय या पंचायत चुनाव में शामिल नहीं किया जा सकेगा.