लखनऊ : समाजवादी पार्टी के तीन युवा नेताओं ने कार्यकारिणी में स्थान न मिलने के कारण बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी के फ्रंटल संगठनों में पदों पर रहे युवा नेताओं को इस बार संगठन में जिम्मेदारी नहीं मिली तो अनदेखी के आरोप लगाते हुए बगावत पर उतारू हो गए हैं. इन युवा नेताओं का कहना है कि समाजवादी पार्टी में संघर्षील युवाओं को तरजीह नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से हम युवा नेताओं को कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया गया है.
समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे प्रदीप तिवारी ने सबसे पहले मोर्चा खोल दिया है. प्रदीप तिवारी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर एक बार फिर पदाधिकारी बनने के लिए जो जोरमाइश कर रहे थे, लेकिन इस बार उन्हें जिम्मेदारी नहीं मिल पाई. जिसके बाद वह अब बगावती हो गए हैं. प्रदीप तिवारी के साथ समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष रहे बृजेश यादव भी साथ दे रहे हैं. उन्होंने भी अखिलेश यादव के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इसके अलावा पूर्णेन्दु तिवारी उर्फ पीड़ी तिवारी अखिलेश यादव के पिछड़े दलित अल्पसंख्यक कार्ड के खिलाफ विरोध में उतर आए हैं. पीडी का कहना है कि समाजवादी पार्टी सिर्फ पिछड़े दलित अल्पसंख्यकों की बात करती है और सवर्ण समाज के लोगों को दरकिनार कर रही है. युवाओं को जागरूक करते हुए वह समाजवादी पार्टी के खिलाफ आंदोलन करेंगे. बताया जा रहा है कि यह तीनों नेता सितंबर के प्रथम सप्ताह में राजधानी लखनऊ में बैठक करने वाले हैं और बैठक में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के खिलाफ खुलकर आंदोलन करने का ऐलान करेंगे.
प्रदीप यादव का दावा है कि अखिलेश यादव जिस 80 सीट जीतने का दावा कर रहे हैं उसे हम युवाओं के दम पर जीरो पर ला देंगे. वहीं बृजेश यादव कहते हैं कि समाजवादी पार्टी ने युवाओं का सिर्फ उपयोग किया है. अब हम युवाओं के दम पर समाजवादी पार्टी को सबक सिखाने का काम करेंगे. इसी तरह पूर्णेन्दु तिवारी उर्फ पीडी तिवारी कहते हैं कि वह भी अखिलेश यादव की नीतियों से नाराज हैं और अब चुप रहकर नहीं रहने वाले हैं. सितंबर में बैठक करके आंदोलन की रणनीति बनाएंगे. हम युवाओं का सिर्फ शोषण करने और संगठन मजबूत करने आंदोलन करने में की अखिलेश यादव ने युवाओं का उपयोग किया है हम इन्हें अब सबक सिखाने का काम करेंगे.
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